मसूर दाल ( Masoor dal )

मसूर दाल क्या है ? ग्लॉसरी, इसका उपयोग, स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी  Viewed 93182 times

मसूर दाल क्या है?


विश्व के बहुत से भाग में, खासतौर पर भारत के कुछ भाग में जहाँ शाकाहारी खानेका सेवन किया जाता है, मसूर दाल खाने का मुख्य भाग होती है। यह एक बिना छिलके कि दाल है और इसका रंग लाल होता है। इसे पकाने के पहले भिगोना ज़रुरी नही होता और यह पकने मे कम समय लेती है और नरम होती है। पकाने के बाद, मसूर दाल का रंग सुनहरा हो जाता है और इसका स्वाद सीम्य होता है। 26% प्रोटीन के साथ, इस दाल मे तीसरे उच्च क्रमांक का प्रोटीन होता है और सोयाबीन और हेम्प के बाद इसमे प्रोटीन कि मात्रा ज़्यादा होती है।


मसूर दाल चुनने का सुझाव (suggestions to choose masoor dal, split red lentil, masoor ki dal)


• मसूर दाल अक्सर पहले से पैक किये बर्तन मे मिलती है साथ ही थोक मे भी मिलती है।
• पैकिंग के साथ-साथ, मसूर दाल कि अच्छी तरह जाँच कर लें और दाल मे किसी भी प्रकार के पत्थर आदि या टुकड़े दाल कि प्रस्तुती कि जाँच कर लें।

मसूर दाल के उपयोग रसोई में (uses of masoor dal, split red lentil, masoor ki dal in Indian cooking)


• मसूर का प्रयोग मसूर दाल बनाने मे करें जो एक बेहतरीन भारतीय व्यंजन है।
• दाल को सब्ज़ीयों के साथ उबालकर गाढ़ा होने तक पकायें और मसाले डालकर रोटी और चावल के साथ स्वादिष्ट व्यंजन बनायें।
• इसे चावल के साथ मिलाकर खिचड़ी बनयी जा सकती है।
• पके हुए मसूर दाल को मसलकर अपने पसंद के हर्ब और मसाले के साथ मिलाकर खाने के साथ परोसें।
• खट्टा मसूर, लहसुनी मसूर, साल घोश्त या मसूर भरवां पराठे जैसे व्यंजन भी काफी मशहुर है।
• सेसमे क्रिस्प ब्रैड के उपर लाल मसूर का हुमुस, लाल मसूर और मारीयल का सूप, लाल समूर सलाद जिसमे ज़ीरा और स्मोक्ड पॅपरीका मिलाया गया हो, यह कुछ अन्य व्यंजन है।

मसूर दाल संग्रह करने के तरीके 


• मसूर दाल को हवा बंद डब्बे मे डालकर ठंडी और सूखी जगह पर रखकर महिनो तक संग्रह किया जा सकता है।
• और भी लंबे समय तक संग्रह करने के लिये इसे फ्रिज मे रखें।

मसूर दाल के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of masoor dal, split red lentil, masoor ki dal in Hindi)

 
• मसूर दाल (स्प्लिट रेड मसूर, benefits of masoor dal, split red lentils in hindi), साबुत मसूर: 1 कप पकी हुई मसूर दाल 19 ग्राम प्रोटीन देती है। फॉस्फोरस से भरपूर होने के कारण यह कैल्शियम के साथ मिलकर हमारी हड्डियों के निर्माण में मददरुप है। साबुत मसूर या मसूर दाल फोलेट (विटामिन बी 9 या फोलिक एसिड) में समृद्ध है जो आपके शरीर में नई कोशिकाओं, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में और उन्हें बनाए रखने में मदद करती है। मसूर की दाल मधुमेह और स्वस्थ हार्ट के लिए अच्छी भी है। मसूर दाल के 10 स्वास्थ्य लाभ विस्तृत में देखें।

उबली हुई मसूर की दाल (boiled masoor dal)
जैसा कि इसका नाम है, मसूर दाल को उबालकर उबली हुई मसूर दाल बनाई जाती है। आप प्रति 1 कप मसूर दाल के लिये 2 कप पानी का प्रयोग कर ढ़क्कन के साथ पॅन मे पका सकते है और इस तरह पकाने से यह दाल जल्दी पकती है, ऊर्जा कि मात्रा कम लगती है और खुला पकाने कि तुलना में इसमे विटामीन कि मात्रा बनी रहती है। प्रैशर कुक करने से यह दाल और भी जल्दी पकती है जिसमे आप पानी मे ईच्छाअनुसार नमक मिला सकते है। पानी और दाल के मिश्रण को उबालकर आँच धिमी कर लें। अगर यह बहुत गाढ़ा हो जाये तो पानी मिला लें। मसूर पकने पर फूल जाता है और पानी गाढ़ा हो जाता है। इस समय आप इसमे मसाले, सब्ज़ीयाँ या उबले चावल भी मिला सकते है और बेहतरीन व्यंजन बना सकते है। साबूत मसूर को खुला पकाने पर लगभग 30 मिनट लगते है और प्रैशर कुकर में 5-6 मिनट। पकाने के दौरान थोड़ा झाग बन सकता है, जिसे आसानी से निकाला जा सकता है।
आधी उबली हुई मसूर दाल (parboiled masoor dal)
यह पकाने की एक एैसी तकनीक है जिसमे भिगोई मसूर दाल को उबलते पानी मे आधा पकाया जाता है, और पुरी तरह पकने से पहले ही निकाल दिया जाता है। बहुत से व्यंजन मे आधी उबली मसूर दाल का प्रयोग किया जाता है जिसे बाद मे व्यंजन अनुसार पुरा पकाया जाता है।
भिगोई हुई मसूर दाल (soaked masoor dal)
सबसे पहले मसूर दाल मे प्रस्तुत किसी भी प्रकार के पत्थर, खराब दानें आदि निकाल लें। साफ पानी निकलने तक पानी से धो लें। अब मसूर दाल को पानी में 4-6 घंटे के लिये भिगो दें और सारा पानी छान लें। इससे मसूर दाल जल्दी पकती है और अपच करने वाले पदार्थ भी निकल जाते है।

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