भिन्न प्रकार के भारतीय व्यचजन मे घी स्वाद और खुशबु प्रदान करता है। वनस्पति घी का विकल्प है, जिसे अनुमतित खाने के तेल को अर्ध हाईड्रोजीनेट कर बनाया जाता है और इस प्रक्रीया से ठोस पदार्थ मे बनाया जाता है। इसका रंग सफेद और यह छुने पर दरदरा होता है और इसका प्रयोग तलने के लिये किया जाता है। बेक्ड पदार्थ, मिठाई और नाश्ते में, इसे घी कि जगह प्रयोग किया जाता है।
डाल्डा वनस्पति का मशहुर ब्रैंड नाम है।
अन्य नाम
डालडा
वनस्पति, डालडा चुनने का सुझाव (suggestions to choose vanaspati, hydrogenated fat, dalda)• भरोसेमंद ब्रैंड को चुने और अपनी ज़रुरत अनुसार पैकेट का आकार चुने।
• कभी-कभी इस पदार्थ को विटामीन ए और डी से आरक्षित किया जाता है। इसकिये ध्यान से लेबल पढ़कर खरीदें।
वनस्पति, डालडा के उपयोग रसोई में (uses of vanaspati, hydrogenated fat, dalda in Indian cooking)
• वनस्पति इतना सुगंधित और स्वादिष्ट होता है कि अन्य तेल कि तुलना मे केवल आधा या दो तिहाई मात्रा मे ही डाला जाता है।
• इसका स्मोकिंग पाईन्ट बहुत ज़्यादा होता है और इसलिये इससे पकाने के समय धुआँ नही निकलता और यह जलता नही है।
• विभिन्न प्रकार के मसालोइ के साथ यह आसानी से घुल जाता है।
• आप वनस्पति का प्रयोग खाना भूनने, बेकिंग, तलने या स्प्रैड के रुप मे कर सकते है।
• इसे अक्सर तलने के लिये प्रयोग किया जाता है, जैसे गुलाब जामुन, जलेबी, आदि बनाने में।
• वनस्पति का बेकरी पदार्थ बनाने मे काफी प्रयोग किया जाता है, जैसे पफ, खारी, ब्रैड और बिस्कुट, नानखटाई, केक, मिठाई और आईसक्रीम भी।
• हालाँकि यह काफी किफायती होता है, इसका प्रयोग केवल स्वाद के लिये कम से कम मात्रा मे करना चाहिए, क्योंकि इसमे ट्राइस फॅट कि अधिक मात्रा होती है।
वनस्पति, डालडा संग्रह करने के तरीके • वनस्पति घी को हवा बंद डब्बे मे रखा जा सकता है। इसे फ्रिज मे रखना आवश्यक नही होता
वनस्पति, डालडा के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of vanaspati, hydrogenated fat, dalda in Hindi)जब वनस्पति बनाया जाता है, ट्रांस फॅटी एसिड भी बनते है; जिसका शत्यधिक मात्रा में प्रयोग करने पर, हृदय रोग होने कि आशंका बढ़ जाती है और इसलिये इसका सेवन न करने में ही समझदारी है।