अलसी के शक्करपारे रेसिपी - Flax Seed Shakarpara, Diabetic Friendly
द्वारा तरला दलाल
अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में | flax seed shakarpara recipe in hindi | with 34 amazing images.
अलसी के शक्करपारे रेसिपी एक स्वास्थ्यवर्धक बिस्किट है जो अलसी के बीज और साबुत गेहूं के आटे से बनाया जाता है। भारतीय अलसी के क्रैकर बनाना सीखें।
हम अक्सर सुनते रहते हैं कि अलसी के बीजों से ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की भरपूर मिलते हैं, और ये विशेष रूप से शाकाहारियों के लिए एक आवश्यक आहार है। भारतीय अलसी के क्रैकर हमारे आहार में अलसी (फ्लेक्स् सीड) को शामिल करने के दिलचस्प तरीकों का उपयोग करते हैं।
वैसे तो हम इसे अपने मुखवास, रायता इत्यादि में शामिल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यहाँ पर इस फाइबर, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त अलसी को खाने का हमने कुरकुरे अलसी के शक्करपारे के रूप में अनोखा तरीका बताया हैं। इसे शाम के नाश्ते के रूप में मज़े से खाया जा सकता है।
अलसी बिस्किट अलसी के बीज, साबुत गेहूं के आटे, जैतून के तेल और मसालों से बनाए जाते हैं।
अलसी बिस्किट फास्फोरस, विटामिन बी1, मैग्नीशियम, फाइबर से भरपूर होते हैं।
हम शाम के स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते या भूख लगने पर स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते के रूप में अलसी के शक्करपारे रेसिपी खाना पसंद करते हैं।
भारतीय अलसी के क्रैकर के लिए प्रो टिप्स। 1. नुस्खा में बताए अनुसार आटा गूंधते समय सुनिश्चित करें कि आटा सख्त हो। 2. आटे को पतला बेल लीजिए ताकि बेकिंग जल्दी हो जाए और अच्छी तरह पक भी जाए. 3. अलसी के शक्करपारे रेसिपी एयर-टाइट कन्टेनर में ७ दिनों तक ताजा रहेंगे. 4. आटे को कांटे से हल्का सा चुभा लीजिए।
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Flax Seed Shakarpara, Diabetic Friendly recipe - How to make Flax Seed Shakarpara, Diabetic Friendly in hindi
तैयारी का समय:    बेकिंग का समय: २५ मिनट बेकिंग तापमान: 180°C (360°F) पकाने का समय: कुल समय:    
५ मात्रा के लिये
अलसी के शक्करपारे के लिए
१/४ कप अलसी का दरदरा पाउडर
१ कप गेहूँ का आटा
१ टेबल-स्पून जैतून का तेल
१ टेबल-स्पून सूखे मिले जूले हर्ब्स्
१ टी-स्पून सूखी लाल मिर्ची के फ्लेक्स्
नमक , स्वादानुसार
अलसी के शक्करपारे के लिए
- अलसी के शक्करपारे के लिए
- अलसी के शक्करपारे बनाने के लिए, सभी सामग्रियों को एक गहरे कटोरे में मिलाएं और आवश्यकतानुसार पानी (लगभग 1/4 कप) का उपयोग करके सख्त आटा गूंथ लें। ढक्कन से ढककर 15 मिनट के लिए अलग रख दें।
- आटे को 2 बराबर भागों में बाँट लीजिये।
- बेलने के लिए आटे का उपयोग किए बिना एक भाग को 225 मिमी (9”) व्यास के गोले में बेल लें। चारों तरफ से हल्के से ट्रिम कर के चौकोन बनाइए।
- इसे कांटे से हल्के से चुभाएं और 25 मिमी (1") हीरे के आकार के टुकड़ों में काट लें।
- अधिक शकरपारे बनाने के लिए चरण 3 और 4 को दोहराएँ। आपको लगभग मिलेगा। कुल 45 शकरपारे।
- सभी शकरपारे को बेकिंग ट्रे पर रखें और पहले से गरम ओवन में 180°c (360°f) पर 15 से 20 मिनट तक या दोनों तरफ से हल्के भूरे और कुरकुरा होने तक बेक कर लें, हर 5 मिनट के बाद बीच में दो बार पलटें। थोड़ा ठंडा होने के लिए अलग रख दें।
- अलसी के शक्करपारे को परोसें या एयर-टाइट कंटेनर में रखें।
अगर आपको अलसी के शक्करपारे पसंद है
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अगर आपको अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में पसंद है, फिर भारतीय बेक्ड स्नैक्स और हमारे पसंदीदा कुछ व्यंजनों का हमारा संग्रह देखें:
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अलसी के शक्करपारे किससे बनते हैं?
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फ्लैक्स सीड्स क्रैकर्स भारत में सस्ते और आसानी से उपलब्ध सामग्री से बनाए जाते हैं जैसे 1/4 कप दरदरा अलसी का दरदरा पाउडर, १ कप गेहूँ का आटा, १ टेबल-स्पून जैतून का तेल, १ टेबल-स्पून सूखे मिले जूले हर्ब्स्, १ टी-स्पून सूखी लाल मिर्ची के फ्लेक्स् और नमक , स्वादानुसार। अलसी केबिस्किट की सामग्री की सूची की छवि नीचे देखें।
भारतीय अलसी के क्रैकर के लिए आटा
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एक कटोरे में 1/4 कप + 2 टेबल-स्पून दरदरा अलसी का दरदरा पाउडर डालें।
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१ कप गेहूँ का आटा डालें।
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१ टेबल-स्पून जैतून का तेल डालें।
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१ टेबल-स्पून सूखे मिले जूले हर्ब्स् डाले।
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१ टी-स्पून सूखी लाल मिर्ची के फ्लेक्स् डालें।
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स्वादानुसार नमक डालें। हमने 1/2 टी-स्पून नमक डाला है।
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आटा गूंथने के लिये 1/4 कप पानी मिलाएं। हमने बाद में 3 टेबल-स्पून पानी और मिलाया।
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सख्त आटा गूथ लीजिये।
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ढक्कन से ढककर 15 मिनट के लिए अलग रख दें।
अलसी के क्रैकर बेलने का तरीका
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आटे को 2 बराबर भागों में बाँट लीजिये।
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आटे को चपटा करें और उस पर थोड़ा सा आटा छिड़कें।
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एक भाग को 225 मि.मी. (9”) व्यास के गोल आकार में बिना किसी आटे का उपयोग किए बेल लें।
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चाकू से आटे पर खड़ी रेखाएँ काटें।
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फिर हीरे के आकार के क्रैकर बनाने के लिए फिर से काटें। आप क्रैकर को अपनी इच्छानुसार किसी भी तरह से काट सकते हैं।
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इसे कांटे से हल्का सा प्रीक करें।
अलसी के क्रैकर बनाने की विधि
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अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में बनाने के लिए सभी कच्चे बेले हुए शकरपारे को बेकिंग ट्रे पर रखें।
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हले से गरम ओवन में 180°c (360°f) पर 15 से 20 मिनट तक या दोनों तरफ से हल्के भूरे और कुरकुरा होने तक बेक करें।
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5 मिनिट बाद ट्रे को ओवन से निकाल लें।
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चिमटे से क्रैकर को पलटें।
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ट्रे को वापस ओवन में रखें और 5 मिनट तक बेक करें। चिमटे से क्रैकर को दोबारा पलटें।
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आखिरी 5 मिनट के लिए बेक करें। क्रैकर ऐसे दिखते हैं।
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थोड़ा ठंडा होने के लिए अलग रख दें।
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अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में तैयार हैं।
अलसी के क्रैकर के लिए प्रो टिप्स
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नुस्खा में बताए अनुसार आटा गूंधते समय सुनिश्चित करें कि आटा सख्त हो।
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आटे को पतला बेल लीजिये ताकि बेकिंग जल्दी हो जाये और अच्छी तरह पक भी जाये।
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अलसी के शकरपारा एक एयर-टाइट कंटेनर में 7 दिनों तक ताज़ा रहेंगे।
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आटे को कांटे से हल्का सा प्रीक करें।
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अगर आपको लगता है कि शकरपारा अच्छी तरह से नहीं पका है, तो आप इस पर थोड़ा तेल लगाकर 5 से 7 मिनट तक दोबारा बेक कर सकते हैं।
अलसी का पाउडर बनाने की विधि
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अलसी के बीज ऐसे दिखते हैं।
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एक ब्लेंडर में अलसी के बीज डालें।
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दरदरा होने तक ब्लेंड करें।
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दरदरा पीसा हुआ अलसी का पाउडर।
अलसी बिस्किट के स्वास्थ्य लाभ
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अलसी के शकरपारा में फॉस्फोरस, विटामिन बी1 (थियामिन), मैग्नीशियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो अवरोही क्रम (उच्चतम से निम्नतम) में दिया गया है। अलसी के बीज का शकरपारा 25 बिस्कुट बनाता है, 5 मात्रा बनाता है।
- फॉस्फोरस : फॉस्फोरस हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। आरडीए का 31%।
- विटामिन बी1 : विटामिन बी1 तंत्रिकाओं की रक्षा करता है, कार्बोहाइड्रेट चयापचय में मदद करता है, हृदय रोगों को रोकता है और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। आरडीए का 26%।
- मैग्नीशियम (Magnesium): हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम और पोटेशियम के चयापचय में भी यह मदद करता है। मैग्नीशियम से भरपूर भारतीय खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, ब्रोकोली, काले), दालें (राजमा, चवली, मूंग), मेवे (अखरोट, बादाम), अनाज (ज्वार, बाजरा, साबुत गेहूं का आटा, दलिया)। 26 % of RDA.
- फाइबर ( Fibre) : फाइबर हृदय रोग के जोखिम को कम करता है, रक्त शर्करा के स्तर में तुरंत बढावे को रोकता है और इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए फायदेकारक है। फल, सब्जियां, मूंग, ओट्स, मटकी, साबुत अनाज का सेवन करें। 22 % of RDA.
शाम के नाश्ता एक पौष्टिक और स्वादिष्ट रेसिपी के लिए मेने अलसी शक्करपारे बनाई बाचोको घर मे सबको अछा लागा