वर्णन
कनोला नाम १९७८ मे "कॅनेडियन तेल, लो एसिड" से उत्तपन्न हुआ था। कनोला का तेल सफेद सरसों का तेल है जिसकी ईर्युरिक एसिड कि मात्रा कम होती है, जो बिमारीयो से बचाने के लिये माना जाता है। कम मात्रा वाला ईर्युरिक एसिड का सफेद सरसों इस तेल को बनाने के लिये चुना जाता है, जो ब्रासिका जनकी के विविध प्रकार का संकरण कर प्राप्त होता है और यह खाने के लिये पौष्टिक माना जाता है।
कनोला की सफेद सरसों कि तुलना में फॅटी एसिड कि बनावट काफी अलग होती है। इसे सफेद सरसों से संकरित कर उच्च प्रकात का सभी मे प्रयोग आने वाला खाने का तेम बनाया जाता है, जिसमे, जैतुन के तेल के समान उच्च मात्रा मे मोनोअनसैच्यूरेटड फॅट होता है, कम मात्रा मे सैच्यूरेटड फॅट, ईर्यूरिक उसिड कि बहुत ही कम मात्रा, सौम्य स्वाद और इसे लंबे समय तक संग्रह किया जा सकता है। कनोला का तेल सभी तेल क तुलना मे सबसे पौष्टिक और प्रभावशाल तेल है जो रोज़ का खाना बनाने मे और अनुभवी खाना बनाने वाले के प्रयोग मे आता है। यह खाने मे हल्का, और खाना बनाने के लिये, फौन्ड्यू बनाने के लिये, स्टर-फ्राय, बेकिंग, सलाद और मेरीनेड बनाने के लिये उपयुक्त होता है।
चुनने का सुझाव
• सौम्य स्वाद वाले खाना पकाने के तेल के लिये जिसे उच्च तापमान पर पकाया जा सके (३७४°फेरनहाईट),इसके लिये जैविक कनोला का तेल चुने।
• और भी उच्च तापमान पर पकाने के लिये (४५०°फेरनहाईट), उच्च तापमान वाले कनोला का तेल को चुने जिसमे मोनोअनसैच्यूरेटड फॅट कि अधिक मात्रा होती जो तेल को उच्च तापमान पर प्रयोग करने मे मदद करता है।
• पिछे दयिा लेबल अच्छी तरह पढ़ें।
रसोई मे उपयोग
• कनोला के तेल को पेस्ट्री को दरदरा रुप देने के लये, वसा के रुप मे प्रयोग किया जा सकता है।
• इसका उच्च स्मोक पॉईन्ट होता है, इसलिये यह उच्च तापमान पर खाना पकाने के लये, जैसे तलना, पकाना और बेक करने के लये उपयुक्त होता है।
• सलद ड्रेसिंग के अन्य समाग्र से यह अलग नही होता और साथ ही सभी सलाद ड्रेसिंग कि सामग्री को बाँधने मे मदद करता है।
• कनोला का तेल केक पॅन और कुकी शीट को चुपड़ने के लिये भी प्रयोग किया जा सकता है।
संग्रह करने के तरीके
• कनोला के तेल कि बोतल को गर्माहट से दुर, अंधेरी जगह पर रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• कनोला का तेल अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के लये माना जाता है, क्योंकि इसमे बहुत ही कम मात्रा मे सैच्यूरेटड फॅट और उच्च मात्रा मे मोनोअनसैच्यूरेटड फॅट होता है और साथ ही पौष्टिक ओमेगा-3 फ़टी एसिड कि मात्रा।
• उच्च मोनोअनसैच्यूरेटड तेल जैसे कनोला का तेल सभी प्रकार के प्रयोग के लिये उपयुक्त होते है क्योंकि यह, पोलीअनसैच्यूरेटड तेल जैसे सैफ्लावर, सनफ्लावर और सोयाबीन तेल कि तुलना में, उच्च तापमान पर पकाये जा सकते है।