वर्णन
वसा भरपुर मलाई का एक पर्याप्त विकल्प। जहाँ दोनों में असमानता केवल कॅलरी कि मात्रा है, वहीं इनका स्वाद और रंग रुप एक जैसा होता है। जब दुध के वसा या मलाई कि परत को परीवर्तित किया जाता है, ऑयल, वसा और पायस त्तवों से भरपूर खट्टी मलाई मिलती है। जब फेटने कि बात हो तो लो फॅट मलाई को फेंटने के लिये काफी समय लग जाता है, लेकिन यह सामान्य तापमान पर संतुलित रहकर अपना स्वाद बनाये रखता है और आसानी से पिघल जाता है।
चुनने का सुझाव
• यह बाज़ार में आसानी से मिलता है।
• फॉट कि मात्रा का ध्यान रखना ज़रुरी हे, इसलिये खरीदने पुर्व पढ़ लें। अगर आप निश्वित नहीं हैं तो लो फॅट विकल्प के लिये पूछ लें।
• यह आमतौर पर टैट्रा पैक में मिलता है।
रसोई मे उपयोग
• लो फॅट मलाई का केक और अन्य बेकरी पदार्थ बनाने के लिये किया जाता है।
• आपके पसंद के किसी भी व्यंजन में वसा भरपूर को लि फॅट मलाई से बदलें।
• स्वादिष्ट पंजाबी सब्ज़ीयाँ और ग्रेवी से लेकर आसान सूप और सलाद में इस शानदार लो फॅट विकल्प का प्रयोग किया जा सकता है।
vसंग्रह करने के तरीके
• ठंडी और सूखी जगह पर रखें, प्राथमिक रुप से फ्रिज में, जहाँ वह गीरे नही और उसमें फफूंद ना लगे।
• खोलने के बाद जल्द से जल्द प्रयोग कर लें। खोलने के बाद ड़ब्बे को डीप फ्रिज़ में रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• लो फॅट मलाई विटामीन ए औे डी से भरपूर होती है, जो हमारी त्वचा और ऊतकों के विकास अीर रख र्काव में मदद करते हैं।
• मधुमेह संबंधित और स्वास्थ्य के प्रति सचेक व्यक्ति इसका प्रयोग कभी-कभी कुछ खास मौके पर कर सकते हैं।
• अपने आहार मे वसा कि मात्रा कम करने से वजन कम करने में आसानी होती है और अत्यधिक वजन संबंधित बिमारीयों से बचने में भी मदद करता है।
• लो फॅट मलाई का प्रयोग करने से हमारे आहार से वसा कि मात्रा काफी हद तक कम हो जाती है, खासतौर पर दुध से मिलने वाला सैचूरेटड वसा।
• लो फॅट मलाई में प्रस्तुत प्रोटीन का प्रकमण नही किया जाता है इसलिये यह उच्च जैविक गुण वाला प्रोटीन कहलाता है।