वर्णन
गुड़रस शहद के समान गाढ़ा, भूरे से काले रंग का पदार्थ होता है, जो गन्ने या चुकंदर को परिष्कृत करने के समय बनता है। बहुत से प्रदेश, खासतौर से ईन्गलेण्ड में इसका प्रयोग खाने को मीठा बनाने के लिये किया जाता है, जहाँ इसे ट्रौएकल कहा जाता है।
गुड़रस के गुण गन्ने या शक्कर चुकंदर के पके हुए समय पर और रस नकलाने के तरीके पर निर्भर करता है। सौ सालो तक गुड़रस और सलफर या ट्रीएकल और ब्रीमस्टिन को पौष्टिक माना जाता था और बच्चों को अक्सर यह खिलाया जाता था। खाने को मीठा बनाने वाले पसार्थ के रुप मे, इसके मीठे स्वाद को लोग अक्सर पसंद करते है। बेकंग मे प्रयोग करने पर यह बेहतरीन स्वाद प्रदान करता है।
केन गुड़रस (Cane Molasses) - सलफर्ड गुड़रस छोटे गन्नों से बनता है। शक्कर बनाने के समय सलफर डायऑक्साईड मिलाया जाता है, जो संग्रहण पदार्थ कि तरह काम करता है। शलफर मुक्त गुड़रस पुराने गन्ने से बनता है, जिनको सलफर के साथ मिलाना नही पड़ता। तीन प्रकार के गुड़रस होते हैः सौम्य या पहले गुड़रस; गहरे या दुसरे गुड़रस और ब्लैकस्ट्रैप।
ब्लैकस्ट्रैप गुड़रस (Blackstrap Molasses) - यह शक्कर कि चाशनी को तीसरी बार उबालकर मिलता है और बहुत ही गाढ़ा पदार्थ होता है जो शक्कर के सुकरोस के क्रिस्टलिकरण होने पर मिलता है। ब्लैकस्ट्रैप गुड़रस पौष्टिक मीठा बनाने वाला पदार्थ है। सफेद शक्कर और कॉर्न सिरप से असमान, जिनमे सिर्फ कार्बोहाईट्रेट या नकली स्वीटनर जैसे सैकेरीन या एस्पारटेम के अलावा कोई भी आहार तत्व नही होते और बदले मे स्वास्थ्य के लोये हानिकारक माने जाते है, ब्लैकस्ट्रैप गुड़रस एक पौष्टिक मीठा बनाने वाला पदार्थ है जिसमे ज़रुरी मात्रा मे स्वास्थ्य के लिये लाभदायक मिनरल होते है।
चुकंदर गुड़रस (Sugar Beet Molasses) - चुकंदर से बना गुड़रस गन्ने से बने गुड़रस से अलग होता है। यह खाने योग्य नही होता और इसे अक्सर पशु के चारे के रुप मे या खमर लाने वाले पदार्थ के रुप मे प्रयोग किया जाता है।
चुनने का सुझाव
• सळफर मुक्त गुड़रस चुने, क्योंकि कुछ व्यक्ति इस रसायन पदार्थ से सूक्ष्म होते है। इसका स्वाद साफ और समान होना चाहिए।
• जैविक गन्ने से बना गुड़रस भी बाज़ार मे आसानी से मिलता है।
रसोई मे उपयोग
• वर्तमान मे गुड़रस का बेकिंग मे प्रयोग कया जाता है।
• एक भी जिंजर ब्रैड कुकी या केक का स्वाद गुड़रस के बिना अच्छा नही लगता।
• कुछ व्यक्ति इसे गरमा-गरम सिरीयल जैसे गेहूँ कि क्रीम या कॉर्नमील मश मे मिलाकर खाते है।
• थेंकस्गिविंग डे पर पारंपरीक रुप से बनायी जाने वाली पम्पकिन पाई मे गुड़रस मुख्य सामग्री होती है।
• ईन्गलैण्ड मे इसे पॉरीज मे मिलाया जाता है।
• घर पर बने कैरेमल कार्न खासतौर पर गुड़रस को शक्कर के मिश्रण मे मिलाकर बेहतरीन लगता है।
• बेक्ड बीन्स मे गुड़रस मिलाने से पारंपरिक स्वाद प्रदान करता है।
संग्रह करने के तरीके
• गुड़रस को हवा बंद सब्बे मे रखकर फ्रिज या ठंडी और सूखी जगह पर रखना चाहिए।
• खोलने से पुर्व इसे एक साल तक तखा जा सकता है, लेकिन खोलने के बाद, डब्बे को छह महनो तक ही रखा जा सकता है।
स्वास्थ्य विषयक
• सफेद या भूरी शक्कर क तुलना मे गुड़रस पौष्टिक होता है।
• जस विधी से तह बनाया जाता है और सलफर के साथ मलाया जाता है, इससे गुड़रस मे लौह, कॅलशियम और मैगनिशियम मिल जाता है।
• कुछ प्राकृतिक स्वास्थ खाद्य वशेषज्ञ इसका प्रयोग पेट संबंधत बिमारी ठीक करने के लिये सलाह करते है।
• हालाँकि सलफर कि प्रस्तुती कि चिंता कि वजह से काफी ब्रैंड सलफर मुक्त गुड़रस बनाने लगे है। यह बाज़ार मे आसानी से मिलता है।
• गुड़रस के कॅलरी कि मात्रा लगभग शक्कर समान होती है, लगभग १६ कॅलरौ प्रति टी-स्पून (५ मि.ली)। फिर भी इसमे शक्कर से आधा सुकरोस होता है। साथ ही यह ग्लुकोज और फ्रक्टोस से भी बनता है।
• हालाँकि यह लौसतत्व से भरपुर होता है, साथ ही इसमे कॅलशियम कि मात्रा अधिक होती है, जो लौस को शरीर मे घुलने से रोकता है।