अन्य नाम
आर्टीफिशियल स्वीटनर
वर्णन
आर्टीफिशियल स्वीटनर बहुत ही मीठे कृत्रिम पदार्थ होते है, जिन्हे अक्सर खाना बनाने मे शक्कर कि जगह प्रयोग किया जाता है, क्रोंकि यह कॅलरी मुक्त होता है।
सॅकरीन सबसे पुराना आर्टीफिशियल स्वीटनर है, जिसका सन् 1879 मे अविश्कार हुआ था और वर्तमान काल मे यह कोल टार मे मिलाने चाले शुद्ध पदार्थ से बनता है। इसके आधारिय पदार्थ, बेन्ज़ोईक सल्फीनाईड, में प्रभाव कारी रुप से खाद्य उर्जा नही होती और यह सुक्रोस से 300 गुना ज़यादा मीठा होता है, लेकिन इसका कड़वा उत्तरस्वाद होता है। पाचन तंत्र मे इसका चयापचय नही होता और मूत्र द्वारा निकल जाता है। इस वजह से यह आहार मे कॅलरी प्रदान नही करता।
जिन प्रांत मे स़करीन का खाने मे डालने के लिये प्रयोग मान्य होता है, वहाँ इसका प्रयोग पेय पदार्थ, कैन्डी, दवाई और तुथपेस्ट मे प्रयोग किया जाता है।
चुनने का सुझाव
• टेबलटॉप स्वीटनर से रुप मे सॅकरीन विश्वभर मे, अलग-अलग ब्रैंड नाम जैसे स्वीट एण्ड लो, मे मिलता है। यह सॉफ्ट ड्रिंक मे भी पाया जाता है।
रसोई मे उपयोग
• सॉफ्ट ड्रिंक, टेबलटॉप स्वीटनर, बेक्ड खाद्य पदार्थ, जैम, च्यूविंग गम, कॅन्ड फल, कैन्डी, डेज़र्ट टॉपिंग और सलाद ड्रैसिंग मे इसका प्रयोग किया जाता है।
• गरम या ठंडे पेय पदार्थ को मीठा बनाने के लिये सॅकरीन का शक्कर कि जगह प्रयोग किया जा सकता है।
• साथ ही सॅकरीन गर्मी मे स्थिर रहता है और इसलिये यह बेकिंग के लिये उपयुक्त होता है।
• इस बात को याद रखें कि नॉन- न्यूट्रीटिव स्वीटनर कि शक्कर कि तुलना मे बहुत ज़्यादा मिठास होती है। इसक प्रकार के पदार्थ को शक्कर कि जगह प्रयोग करते समय, उसी प्रकार कि मिठास के लिये, इसकि बहुत ही कम मात्रा प्रयोग कि जाती है। इसकि वजह सॅकरीन का प्रयोग करने के लिये, कुश व्यंजन विधी मे मात्रा को बदलना अनिवार्य हो जाता है।
संग्रह करने के तरीके
• सॅकरीन को लंबे समय तक रखा जा सकता है।
• इसे इसके पैकेट मे ही रखे और सामान्य तापमान पर सूखी जगह पर रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• सॅकरीन का शूगर सब्सटीट्यूट कि तरह प्रयोग किया जाता है, खासतौर पर मधुमेह रोगी और वजन के प्रति सचक के द्वारा जो सख्त कम कॅलरी वाला आहार खाते है।
• गर्भवस्था मे इसका प्रयोग करना वंचित किया जाता है।
• साथ ही, कुछ खोज यह बताते है कि आर्टीफिशियल स्वीटनर का ग्रहण करने से कुछ व्यक्तियों मे माईग्रेन बढ़ सकता है।