वर्णन
सांभर पाउडर मसालों का एक मेल है जिसका प्रयोग विश्व भर में किया जाता है, खासतौर पर दक्षिण श्रेत्र में। जैसा इसका नाम है, इसका प्रयोग सांभर बनाने के लिए किया जाता है, जो सब्ज़ीयो और पकी हुई दाल से बना ब्रॉथ है, जिसमें इमली का पल्प और सांभर पाउडर का स्वाद भरा जाता है। इसे चावल या डोसा, इडली और वड़े जैसे नाश्ते के साथ परोसा जाता है।
दक्षिण भारत का प्रत्येक श्रेत्र इसे अपने अनोखे तरीके से बनाता है, जो उनके स्वाद और वातावरण के अनुकुल होता है। इसी तरह, सांभर पाउडर बनाने का प्रत्येक परिवार का अपना अनोखा तरीका होता है, जिसमें सामग्री की मात्रा को पसंद के तीखेपन अनुसार संतुलित रखा जाता है। फिर भी, आजकल आसान तरीके से और झटपट तरह से सांभर बनाने के लिए बाज़ार में तैयार सांभर पाउडर मिलते हैं।
सांभर पाउडर में प्रयोग होने वाले कुछ आम सामग्री है- तुवर दाल, लाल मिर्च, ज़ीरा, खड़ा धनिया, काली मिर्च, मेथी दानें, हल्दी और सूखे कड़ी पत्ते। इन सामग्री कुछ दिनों के लिए धूप में सूखाया जाता है या इनमें से खुशबु आने तक, अलग-अलग सूखा भी भुना जाता है और बाद में मिक्सर या मिल में पीसकर पाउडर बनाया जाता है।
चुनने का सुझाव
• जहाँ आजकल बाज़ार में सांभर पाउडर तैयार मिलता है, इसे घर पर भी बनाया जा सकता है।
• एम.टी.आर और ऐवरेस्ट जैसे विभिन्न ब्रेन्ड सांभर पाउडर बेचते हैं।
• तैयार पाउडर खरीदते समय, पैकॅट छुकर यह जाँच लें उसमें डल्ले ना हो (जो नमी का चिन्ह है), पैकॅट के सील की जाँच कर लें और साथ ही ताज़गी जाँचने के लिए उत्पादन और समापन के दिनाँक की जाँच भी कर लें।
• घर पर बनाते समय, बेहतरीन गुणों वाले मसालें खरीदें और सूखाने/भुनने और पीसने की विधी से बनाने से पहले मिलावटी पदार्थ निकाल लें।
रसोई में उपयोग
• सांभर पाउडर का प्रयोग दक्षिण भारतीय व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है, जिसे सांभर कहते हैं।
• सांभर बनाने के लिए, सबसे पहले पानी में सब्ज़ीयों को इमली के पल्प, सांभर पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और हींग के साथ पकाया जाता है। सब्ज़ीयों के नरम होने के बाद, पकी और मसली हुई दाल (और कभी-कभी नारियल का पेस्ट) मिश्रण में डाला जाता है और इस मिश्रण को कुछ मिनट के लिए पकाया जाता है। अंत में, नारियल के तेल मे सरसों, लाल मिर्च और मेथी दानें का तड़का लगाकर, परोसने से पहले बारीक कटे हुए कड़ी पत्ते और धनिया से सजाकर परोसा जाता है।
• सांभर में विभिन्न प्रकार की सब्ज़ीयाँ मिलाई जा सकती है। अकसर भिन्डी, गाजर, कद्दू, आलू, टमाटर, बैंगन और साबूत या कटे हुए मदरासी प्याज़ या प्याज़ डाले जाते हैँ।
• सांभर पाउडर को करी, सब्ज़ी से बने व्यंजन, सूप या स्ट्यू में पकाने के अंत मे भी डाला जाता है, जिससे व्यंजन को दक्षिण भारतीय स्वाद मिलता है।
संग्रह करने के तरीके
• साँबर पाउडर को हवा बद डब्बे में डालकर ठंडी और गहे रग की जगह पर रखें।
अगर आपने इस पाउडर को थोक में बनाया है, हर रोज़ बर्तन को ना खोलें। थोड़ी मात्रा में पाउडर को एक छोटे डब्बे में निकालकर रखें और खत्म होने के बाद भरते रहें। इससे इस मसाले की खुशबु को लंबे समय तक बनाया रखा जा सकता है।
स्वास्थ्य विषयक
• चूंकी सांभर पाउडर को बहुत ही कम मात्रा में मिलाया जाता है, इसके खास स्वास्थ गुण नहीं होते।
• फिर भी, काली मिर्च, ज़ीरा और खड़ा धनिया का प्रयोग पाचन और प्रतिरक्षी तत्र मज़बूत करने के लिए माने जाते हैं।