• क्योंकि सूर्यमुखी का तेल लगभग बेस्वाद और सुगंध मुक्त होता है, यह बेकिंग के लिये उपयुक्त होता है।
• इसका स्मोकिंग पाईन्ट अधिक होने के कारण, सूर्यमुखी का तेल तलने के लिये उपयुक्त होता है।
• सूर्यमुखी के तेल का प्रयोग मेयोनीज़, सलाद ड्रेसिंग बनाने में और सब्ज़ीयाँ भूनने के लिये किया जाता है।
सूर्यमुखी का तेल संग्रह करने के तरीके
• सूर्यमुखी के तेल को ठंडी और गहरे रंग कि जगह पर रखें।
• तलने के बाद बचे हुए तिल के तेल का बार-बार प्रयोग ना करें क्योंकि एैसा करने से तेल खराब हो सकता है।
• तेल कि बोतल या तेल के धातु बर्तन को बिना खोले साल भर तह रखे जा सकते है। लेकिन खोलने के बाद, तेल का दो महीने के अंदर प्रयोग कर लें, क्योंकि इसके बाद तेल खराब हो सकता है और खाने योग्य नही होता।
• हो सकते तो इस तेल को कॅन से निकालकर काँच कि बोतल मे निकाल लें, जिससे तेल मे धातु का स्वाद नही मिलता; प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग ना करें क्योंकि तेल मे प्लास्टिक का स्वाद मिल सकता है।
सूर्यमुखी का तेल के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of sunflower oil, surajmukhi ka tel in hindi)
• यह उर्जा का संकेद्रित स्तोत्र है और पचाने मे आसान होता है, और ज़रुरी फॅटी एसिड प्रदान करता है।
• यह विटामीन ई और पौलीअनसैच्यूरेटड फॅटी एसिड का संकेद्रित स्तोत्र होता है, जो रक्त कलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है।
• लिनोलेईक सूर्यमुखी के तेल का खाना बनाने अधिक्तर प्रयोग किया जाता है जो पौलीअनसैच्यूरेटड फॅटी एसिड का संकेद्रित स्तोत्र होता है। इसका स्वाद भी साफ और इसमे ट्रांस फॅट कि मात्रा कम होती है।
• सूर्यमुखी के तेल में कलेस्ट्रॉल कि मात्रा काफी कम होती है।
• अन्य तेल कि तरह, सूर्यमुखी के तेल हमारी त्वचा मे नमी बनाये रखता है। व्त से पहले जन्मे बच्चों मे यह बिमारीयों से बचाने मे मदद करता है।