अन्य नाम
अरहर
वर्णन
तुवर भारत मे मशहुर साबूत दालों में से एक है, जिसका देश भर में विभिन्न पाकशैली में प्रयोग किया जाता है।
साबूत तूवर पीले रंग के होते हैं और इनकी उपरी परत भुरे रंग की, लेकिन यह छिले हुए और दाल के रुप में भी मिलते हैं। इसका स्वाद सौम्य और मेवेदार होता है, और इनको अकसर खने के साथ परोसा जाता है या आटे में पीसकर भी पकाया जाता है।
चुनने का सुझाव
• हालाँकी तुवर छिलकर और दाल के रुप में मिलाता है, साथ ही कुछ जैविक दुकानों में और बड़े बाजा़र में, साबूत तुवर भी मिलते हैं।
• इनपर अकसर तेल की परत भी लगायी जाती है, जिसे खाने से पहले धोकर निकालना ज़रुरी होता है।
• किसी भी प्रकार के पत्थर, कंकड़, कीड़े आदि की जांच कर लें।
• पैक करने और समापन के दिनांक की जांच कर लें।
रसोई में उपयोग
• साबूत तुवर को पकाकर, मसलकर और इसमें तड़का लगाकर स्वादिष्ट दाल बनायी जा सकती है, जिसमें टमाटर, प्याज़ आदि को भी मिलाया जा सकता है।
• भिगोए हुए या आधे उबले हुए तुवर को पतली लंबी कटी हुई सब्ज़ीयाँ, नींबू, विनेगर के साथ मिलाकर स्वादिष्ट सलाद बनाया जा सकता है।
• यह सूप, सलाद और चावल से बने व्यंजन के साथ अच्छा लगता है।
संग्रह करने के तरीके
• तुवर से पत्थर या धूल जैसे पदार्थ छाँट लें।
• सूखे हवा बंद डब्बे में रखके इसे साल भार तक रखा जा सकता है।
• बर्तन में तेज़पत्ता या सूखी लाल मिर्च डालने से यह तुवर को कीड़े और अन्य किटाणू से दूर रखता है।
स्वास्थ्य विषयक
• यह आपके शरीर के लिए बहुत से ज़रुरी आहार तत्व प्रदान करता है, जैसे प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट।
• यह खास तौर से प्रोटीन से भरपुर होता है, जो स्वास्थ के मूल होते हैं।
• इसमें कापी मात्रा में लौह, फोलिक उसिड, कॅलशियम, मॅगनिशियम, पौटॅशियम और बी विटामीन होते हैं।
• यह खाद्य रेशांक से भरपुर होता है और इसमें वसा और कलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
भिगोए और पकाऐ हुए तूवर (soaked and cooked toovar)