अंकुरित वाल का स्वाद बेहद तेज़ होता है जो विभिन्न प्रकार के व्यंजन को जजता है। यह हल्के सफेद रंग के बीनस् विभिन्न आकार में मिलते हैं और साथ ही दाल के रुप में भी मिलते हैं।
वाल को अंकुरित करने के लिए, बीनस् को पहले साफ कर धो लें। बीनस् को रातभर (8 से 12 घंटे के लिए), भरपुर गरम पानी में भिगो दें। बीनस् के फूलने के बाद, पानी छान लें और गीले सूती के कपड़े में बाँध दें और अंकुरित होने दें। समय-समय पर पानी छिड़कर कपड़े को गीला रखें। वाल को अंकुरित होने में 36-48 घंटे लगते हैं। अंकुरित होने पर, धोकर छान लें और किसी भी प्रकार के बेरंग दाने को अलग कर लें और बचे हुए दानों को छिल लें। ऐसा करने के लिए, आप बीनस् को गरम पानी में रखकर ऊँगलीयों से रगड़कर निकाल लें। यह आसानी से छिले जा सकते हैं।
उबले हुए अंकुरित वाल (boiled sprouted vaal)
ज़रुरत मात्रा में पानी उबाल लें (प्रति कप अंकुरित दानें के लिए 2-3 कप पानी) और अंकुरित वाल डाल दें। ढ़ककर पका लें। इससे यह जल्दी पक जाते हैं और ज़्यादा से ज़्यादा पौषणतत्व बने रहते हैं। इन अंकुरित दानों को पकने में लगभग 20-25 मिनट लगते हैं, क्योंकि यह अन्य अंकुरित दानों से ज़्यादा सख्त होते हैं। आप इन अंकुरित वाल को नमक वाले या बिना नमक के पानी में प्रैशर कुक भी कर सकते हैं। ढ़क्कन खोलने से पुर्व सारी भाप निकलने दें। अंकुरित दानों को उनके नरम होने तक या ऊँगलीयों के बीच रखकर मसल जाने तक पका लें। अंकुरित वाल का प्रयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन में किया जा सकता है, जैसे कढ़ी, सब्ज़ीयाँ, खिचड़ी आदि।
अंकुरित वाल चुनने का सुझाव (suggestions to choose sprouted vaal, field beans, butter beans)• हालाँकि घर पर बने अंकुरित दाने बनाना अच्छा होता है, अंकुरित वाल किराने की दुकानों में पहले से पैक मिलते हैं।
• पैकेट वाले दाने खरीदने पर, समापन के दिनांक की जांच कर लें।
• यह सुनिश्चित करें कि दुकान में ताज़ा माल मिलता हो और ताज़े खाद्य पदार्थ मिलते हों।
• हरे और पीले रंग के करारे दानों को चुनें। मुरझाये हुए और भुरे रंग के दाने ना चुनें।
• अंकुरित दानें को खरीदने के बाद जल्द से जल्द प्रयोग करें। बहुत लंबे समय तक ना रखें, क्योंकि यह खट्टे हो सकते हैं।
अंकुरित वाल के उपयोग रसोई में (uses of sprouted vaal, field beans, butter beans in Indian cooking)
• पकाने पर, अंकुरित वाल की खुशबू तेज़ और मेवेदार हो जाती है और इसका स्वाद मलाईदार और हल्का कड़वा हो जाता है। यह नारीयल, गुड़ और अदरक के साथ बेहद जजता है।
• अंकुरित दानों को तला जा कसता है, जिससे इसके छिलके अलग हो जाते हैं और इसमें नमक और/या मसाले मिलाकर एक स्वादिष्ट नमकीन और कुरकुरा नाश्ता बनाया जा सकता है।
• आप अंकुरित वाल को सूप, सेन्डविच और सलाद में मिला सकते हैं।
• सूरती वाल दाल के साथ चावल (एक गुजराती व्यंजन) एक पौष्टिकता से भरा आहार बनाता है।
• इसका प्रयोग अंकुरित वाल पुलाव बनाने के लिए भी किया जाता है।
• अंकुरित वाल का प्रयोग मशहुर महाराष्ट्रियन व्यंजन, उसल बनाने के लिए भी किया जाता है। गुड़ और कोकम का मेल उसल को खट्टा-मीठा स्वाद प्रदान करता है, जो रोटी और चावल के साथ बेहद जजता है।
अंकुरित वाल संग्रह करने के तरीके • अंकुरित दानों को जल्द से जल्द प्रयोग करें और प्रयोग करने से पहले धो लें।
• पके हुए अंकुरित दानों को फ्रिज में रखकर 3-4 दिनों के अंदर प्रयोग कर लेना चाहिए।
अंकुरित वाल के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of sprouted vaal, field beans, butter beans in Hindi)वाल प्रोटीन और फाइबर का भंडार है। इन पोषक तत्वों की जोड़ी आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे अनावश्यक भोजन का सेवन कम करने और साथ ही वजन कम करने में मदद मिलती है। फाइबर पाचन में भी सहायता करता है और पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखता है। इन बीन्स में रक्त शर्करा को सामान्य करने वाला प्रभाव भी होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है। इस दाल में मौजूद जिंक एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और कैंसर और थकान से बचाने में मदद करता है। इनमें विटामिन बी 1 में भी प्रचुर मात्रा में होते हैं जो तंत्रिका कामकाज में भूमिका निभाते हैं। अंकुरित होने पर इनमें विटामिन और मिनरल कई गुना बढ़ जाता है।