रंगून ना वाल ( Rangoon vaal )

रंगून ना वाल क्या है, इसका उपयोग,स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी , Rangoon Vaal in Hindi Viewed 9835 times

अन्य नाम
ब्रॉड फील्ड बीन्स् या ब्रॉड बीन्स्

वर्णन
रंगून ना वाल बीनस् की एैसी प्रजाति है, जो उत्तर अफरिका और दक्षिणपूर्व एशिया के निवासी हैं और साथ ही दुसरी जगहों पर उगाये भी जाते हैं। यह कड़ा सीधा पेड़ है, जो 0.5-1.7 मीटर लंबा और चौकोर क्रॉस-सेक्शन वालाल बिना स्टेम वाला होता है। इसके पत्ते 10-25 सेन्टिमीटर लंबे, 2-7 लीफलेटस् के साथ पिन्नेट और इसका रंग ग्रे-हरे रंग का होता है।

इसका फल चौड़ा रबर जैसा, हरे रंग का काले-भुरे रंग का और गहरी परत वाला होता है। प्रत्येक फल्ली में 3 से 8 बीज होते हैं;गोल से अंडाकार और जंगली पेड़ में अकसर चपटे और 5-10 mm के।

ना सिर्फ दाने, लेकिन साथ ही पेड़ के छोटे पत्तों को कच्चा या पालक की तरह पकाकर भी खाया जा सकता है। वाल बीनस् प्रोटीन, कॅलशियम और फोलिक एसिड से भरपुर होते हैं और इन्हें पकाकर, आधा पकाकर या तल कर भी खाया जा सकता है। बीनस् को तलने से दाना खुल जाता है और इसमें नमक और/या मसाले डालकर नमकीन करारा नाश्ता बनाया जा सकता है जो सबको पसंद आता है।

उबले हुए रंगून ना वाल (boiled rangoon na vaal)
जैसा इसका नाम है, इसका मतलब है वाल को उबालना। ढ़के हुए बर्तन में पकाने पर आपे प्रति 1 कप उबले हुए वाल के लिए 2 कप पानी का रपयोग कर सकते हैं। बीनस् पकाते समय हमेशा ढ़क्कन लगाकर पकाऐं क्योंकि इससे पकाने का समय लगभग 20-30 मिनट कम हो जाएगा, कम मात्रा में ऊर्जा का प्रयोग होगा और ज़्यादा विटामीन बने रहेंगे। इस मिश्रण को उबाल लें और आँच को मध्यम-धिमा कर पकाते रहें। अगर यह गाढ़ा हो जाए तो थोड़ा और पानी मिला लें। आप भिगोए हुए वाल को उबालने के लिए इसे नमक के साथ या नमक के बिना प्रैशर कुक भी कर सकते हैं। 5 मिनट तक प्रैशर कुक कर लें।

पकने पर यह फट जाते हैं और पानी को गाढ़ा बना देते हैं। इस समय, आप इसमें अपनी पसंद और व्यंजन अनुसार मसाले, सब्ज़ीयाँ और यहाँ तक की उबले हुए चावल भी मिला सकते हैं।
आधे उबले हुए रंगून ना वाल (parboiled rangoon na vaal)
यह एक पकाने की विधी है जिसमें वाल को भिगोकर उबले हुए पानी में 3 से 5 मिनट के लिए पकाया जाता है, लेकिन पुरी तरह से पकने से पहले ही निकला दिया जाता है। बहुत से व्यंजन में आधे उबले हुए रंगून ना वाल का प्रयोग किया जाता है, जिसमें इन्हें अन्य सामग्री के साथ पूरी तरह पकाया जाता है।
भिगोए हुए रंगून ना वाल (soaked rangoon na vaal)
रंगून ना वाल को साफ कर रातभर के लिए भिगो दें। सारा पानी छानकर, वाल को धोकर ज़रुरत अनुसार प्रयोग करें।

चुनने का सूझाव
• रंगून ना वाल किरानें की दुकानों में पैकेट या थोक में आसानी से मिलता है।
• किसी भी तरह से खरीदने पर, इस बात का ध्यान रखें कि वह धूल, पत्थर या अन्य कंकड़ से मुक्त हो।
• पहले से पैक किये हुए वाल के समापन के दिनांक की हमेशा जांच करें।

रसोई में उपयोग
• साबूत रंगून का प्रयोग सालद से लेकर सूप और स्टर फ्राय तक विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है।
• भिगोये हुए दाल को नरम होने तक पकाकर, किसी भी अन्य दाल की तरह पकाऐं।
• इंडोनेशिया में, इसका प्रयोग मशहुर डेज़र्ट नाश्ता बनाने के लिए किया जाता है जो दिखनें में पॉरिज जैसा होता है। बीनस् को शक्कर, नारीयल के दुध और थोड़े अदरक के साथ पकाया जाता है।
• भारत में वाल को गुड़, इमली और प्याज़-अदरक-लहसुन पेस्ट के साथ मिलाकर एक खट्टा वयंजन बनाया जाता है।
• साबूत वाल को पानी में भिगोकर, पीसने के बाद, दोसा ता उत्तपम्म का घोल बनाया जा सकता है।
• वाल नी दाल, वाल नु पुलाव और वाल उसल कुछ मशहुर महाराष्ट्रीयन व्यंजन हैं।

संग्रह करने के तरीके
रंगून ना वाल को हवा बंद डब्बे में रखकर संग्रह करें।

स्वास्थ्य विषयक
• अन्य दाल या साबूत दाल की तरह, रंगून ना वाल प्रोटीन और खाद्य रेशांक का अच्छा स्रोत है।
• इसमें वसा की मात्रा कम होती है और यह बी-कॉमपलेक्स विटामीन, कॅलशियम और पौटॅशियम का अच्छा स्रोत है।