वर्णन
विलायती सौंफ, जिसका प्रयोग मसाले और दवाई के रुप में किया जाता है, जिसका स्वाद मीठा मुलैठी जैसा होता है। यह एपीयाकी परीवार का है, जो इसे अन्य पौधे जैसे अजमोद, सुवा, धनिया, सौंफ और ज़ीरा से संबंधित होता है।
खाने में अनोखा स्वाद प्रदान करने के लिए, इसका प्रयोग साबूत या पीसकर किया जा सकता है। सौंफ के निकाले हुए महत्वपूर्ण तेल का प्रयोग पर्फ्यूम बनाने में किया जाता है। इस तेल का प्रयोग एनेथोल बनाने के लिए किया जाता है, जो एक सुगंधित पदार्थ है जो बहुत से महत्वपूर्ण तेल में पाया जाता है और कभी-कभी फोटो बनाते समय ब्लीचिंग को सेन्सेटाईज़ करने के लिए किया जाता है।
चुनने का सुझाव
• वास्तविक रुप में इनका रंग भुरा और इसकी खूशबू सौम्य सुगंधित होती है।
• यह सुनिश्चित करें कि पैकेट अच्छी तरह से बंद किया गया हो और सौंफ ताज़ी हो जिससे इसकी खूशबू ताज़ी और इसका ताज़ा स्वाद बना रहे।
रसोई में उपयोग
• इसका प्रयोग करी, ब्रेड, सूप, बेक किये हुए पदार्थ, अंजीर, डेज़र्ट, क्रीम चीज़, अचार, अंडे से बने व्यंजन, बिना अल्कोहोल और अल्कोहोल वाले पेय पदार्थ में स्वाद भरने के लिए किया जाता है।
• इन बीज का प्रयोग पुराने युरोपियन खाने जैसे प्रेट्ज़ेल, जिंजर ब्रेड आदि में किया जाता था।
• साथ ही इसका प्रयोग सूफले, बिस्कुट और कूकीज़ आदि में स्वाद भरने के लिए किया जाता है।
• इसका प्रयोग बकरी पदार्थ, मीठाई बनाने में और स्त्रावण कार्य के लिए किया जाता है।
• इसका प्रयोग लिकर में स्वाद भरने के लिए भी किया जाता है। सौंफ के स्वाद वाले मध्यसागरीय पेय पदार्थ के कुछ उदाहरण है-ऊज़ो और पास्तिस्।
संग्रह करने के तरीके
• इन बीज को सवा बंद डब्बे में रखकर ठंडी सूखी जगह पर रखें और नमी से दूर रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• भारत में इन्हें अकसर खाने के बाद खाया जाता है, दोनो पाचन मज़बुत करने के लिए और ताज़े साँस के लिए।
• सौंफ में किटाणूनाषक और एन्टी पारासेटिक गुण होते हैं। इसलिए, इनका प्रयोग घर पर फफूंद की बिमारी, जूँ से राहत पाने, आदि में किया जाता है।
• साथ इनमें ऑक्सीकरण रोधी भी होते हैं।
• विलायती सौंफ में बहुत से चिकित्सक गुण होते हैं, खासतौर पर पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए।
• विलायती सौंफ से निकाले हुए तेल का प्रयोग गैस और बच्चों में पेट संबंधित बिमारी को ठीक करने के लिए भी मदद करता है।