• कालीमिर्च का प्रयोग साबूत या पाउडर रुप में व्यंजन अनुसार किया जा सकता है।
• साबूत कालीमिर्च को भुनकर अन्य सामग्री के साथ पीसकर गरम मसाला, सामभर मसाला, रसम मसाला आदि बनाये जाते हैं।
• कालीमिर्च को घी में डालकर बिरयानी, पुलाव, दाल या करी में तड़का लगायें।
• कालीमिर्च को क्रश कर सेन्डविच में डालें।
• पाउडर की हुई कालीमिर्च का प्रयोग स्वाद प्रदान करने के लिए, सूप, सॉस, स्टॉक और स्ट्यू में डालें।
• क्रश की हुई कालीमिर्च दही और योगहर्ट के साथ बेहद जजती है। इसलिए इसका प्रयोग रायता, डिप और मेरीनेड में करें।
• दक्षिण भारत में, कालीमिर्च का प्रयोग रसम में किया जाता है, जो एक पतला सूप है जिसे चावल और घी के साथ परोसा जाता है।
काली मिर्च संग्रह करने के तरीके
कालीमिर्च या क्रश की हुई कालीमिर्च को हवा बद डब्बे में रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
काली मिर्च के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of black peppercorns, kali mirch, kalimirch in hindi)
• कालीमिर्च पाचन शक्त मज़बूत करने में मदद करता है।
• खाँसी और साँस से संबंधित अन्य बिमारीयों से पिड़ीत को अपने आहार में कालीमिर्च ज़रुर डालना चाहिए। इसका तीखा स्वाद नाक और गले से बलगम निकालने में मदद करता है।
• गर्भवस्था से निकली हुई महीला के अंदर के भाग को कालीमिर्च जल्दी ठीक करने में मरता है और इसलिए, नई बनी माँ के खाने में कालीमिर्च डाली जाती है।
• कालीमिर्च में पिपेरीन नामक एन्ज़ाईम होता है, जो विटामीन बी, सेलेनियम और बीटा कॅरोटीन को शरीर में सोखने में मदद करता है।
• कालीमिर्च का प्रयोग आयुर्वेद और सिद्धा चिकित्सा में भी किया जाता है। किताबों में दिया गया है कि यह कैसे दस्त, कब्ज़, जोड़ो में दर्द, अपच, दांतों की सड़न, दाँतों में दर्द आदि से आराम प्रदान करता है।