वर्णन
जेसा इसका नाम है, धुप में सुखाई गई ताज़ी बेसिल को सुखी बेसिल कहते हैं। चूंकी ताज़ा बेसिल साल भर नहीं मिल सकता, सूखी बेसिल इसका विकल्प है।
ताज़ी बेसिल की तुलना में सुखी बेसिल का स्वाद ज़्यादा तेज़ होता है। लेकिन, जब भी आप ताज़ी बेसिल की जगह व्यंजन में सूकी बेसिल का प्रयोग करें, दि गई मात्रा के केवल 1/3 भाग का प्रयोग करें। इसे प्रयोग करने की सही मात्रा है 1 टी-स्पून सुखी बेसिल = 1 टेबल-स्पून ताज़ी बेसिल।
घर पर सुखी बेसिल बनाने के लिए, इस लबी लेकिन आसान सी विधी का प्रयोग करें:
• बेसिल को धोकर खराब पत्ते अलग कर लें।
• मॅट में रखकर धुप में पुरी तरह सुखने के लिए रख दें। ऐसा करने में 3-4 हफ्ते लग सकते हैं।
• सूखी बेसिल को हवा बद डब्बे में रखें। इस बात का ध्यान रखें कि इन्हें रखते समय आप इन्हें क्रश ना करें, क्योंकि क्रश करने से इनसे तेल निकल जाता है और सुखी बेसिल की खुशबु और स्वाद कम हो जाती है। सुखी बेसिल को व्यंजन में प्रयोग करने से तुरंत पहले ही क्रश करें।
चुनने का सुझाव
• सुखी बेसिल खरीदते समय, उत्पादन, समापन और पैक करने के दिनांक की जांच कर लें।
• इस बात का ध्यान रखें कि पैकेट अच्छी तरह सील कीया हो।
• जैविक सुखी बेसिल खरीदना बेहतर होता है, कयोंकि अन्य खराब हो सकते हैं। बेसिल में मिलावट से इनके विटामीन सी और कैरटीनोईड्स् की मात्रा कम हो सकती है।
रसोई में उपयोग
• अन्य सुखे हर्बस् जैसे ऑरेगानो, थाईम आदि के साथ सूखी बेसिल का प्रयोग पिज़्जा सॉस में स्वाद प्रदान करने के लिए किया जाता है।
• यह सलाद और पास्ता के लिए बेहतरीन मसाला है।
• इसके पौष्टिक गुणों के लिए इसे हर्बल चाय में मिलायें।
• इसका प्रयोग मेरीनेड में भी किया जा सकता है।
संग्रह करने के तरीके
• सुखी बेसिल को ज़्यादा से ज़्यादा 6 महीने तक रखा जा सकता है।
• इसे काँच की बोतल में ठंडी, गहरे रंग की जगह पर रखकर रोशनी और गर्माहट से दूर रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• सुखी बेसिल श्वसन प्रणाली के लिए अच्छी होती है और इसे हर्बल चाय में अन्य हर्ब के साथ या बिना खाया जा सकता है।
• इसका प्रयोग गले और नाँक में संक्रमण को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
• सूखी बेसिल से बनी बेसिल चाय, पेट में गैस के कारण हुए दस्त, उल्टीयाँ और पेट दर्द ठीक करने में मदद करती है।
• यह भूख बढ़ाता है और गैस कम करने में भी मदद करता है।
• यह स्ट्रैस, दमा और मधुमेह के चिकित्सा में मदद करता है।