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वर्णन
कोदरी एक प्रकार का मोटा अनाज है जो थोड़ा बहुत जौ जैसा होता है। सफेद से पीले रंग के इस अनाज का स्वाद दलिया या काँजी जैसा होता है। इसके कण गेहूँ सूजी से मोटे लेकिन थोड़े बहुर दलिया जैसे होते है।
कोदरी बेहद पौष्टिक होता है और भारत मे निर्बल और श्रमिक जाती के द्वारा इसका प्रयोग ज़्यादा किया जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इसकि पौष्टिक्ता कि जानकारी बढ़ने लगी है, यह देश भर मे जैसिक दुकानो पर मिलने लगा है और इसे अपने का आहार का मुख्य भाग बनाने लगे है।
आप कोदरी को चावल कि तरह, प्रैशर कुकर में या स्टीम कर पका सकते है। इसे घी मिलाकर सादा खाया जा सकता है या मसाले मिलाकर उपमा या खिचड़ी के रुप मे भी।
चुनने का सुझाव
• कोदरी एक समान्य अनाज है जो बाजा़र मे आसानी से मिलता है।
• खरीदने से पहले कोदरी कि जाँच कर यह देख लें कि उसमें किसी भी प्रकार के कीड़े ना हो।
रसोई मे उपयोग
• 3-4 घंटे पानी मे भिगोने से कोदरी पकने मे कम समय लेती है। इसके बाद, कोदरी को चावल कि तरह पानी मे उबालकर या प्रैशर कुक कर पकाया जा सकता है।
• अनाज जे दानों के पुरी तरह फूलने और नरम होने तक पकायें।
• स्वादअनुसार नमक और ईच्छा अनुसार घी मिला सकते है।
• कोदरी को कुरमा या किसी भी प्रकार कि सब्ज़ी के साथ खाया जा सकता है।
• इस विधी द्वारा आप आसान और स्वादिष्ट कोदरी पुलाव बना सकते हैः
o कढ़ाई मे तेल गरम करें और हींग, हल्दी और राई डालें।
o कटी हुई प्याज़, अदरक-लहसुन का पेस्ट और हरी मिर्च का पेस्ट डालकर 5 मिनट पकायें।
o कोदरी मे मटकी या अन्य प्रकार के अंकुरित दाने मिलायें।
o नमक, स्वादअनुसार मसाले और 2 गुना पानी डालें। ढ़ककर मध्यम आँच पर पकायें।
o रायता या सादे दही के साथ गरमा गरम परोसें।
संग्रह करने के तरीके
• ठंडी और सूखी जगह पर रखकर नमी से दूर रखें।
• आप पैकेट को प्लास्टिक या काँच के बर्तन मे निकालकर रख सकते है और प्रत्येक प्रयोग के बाद डब्बा अच्छी तरह बंद करें।
• कोदरी को 2 घंटो के लिये धूप मे रखने का सुझाव दिया जाता है, जिससे उसमे प्रस्तुत सारी नमी उड़ जाती है और इसके उपरांत इसे संग्रह किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विषयक
• कोदरी मे भरपूर मात्रा मे कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन और वसा होता है और इसलिये संपूर्ण आहार बनाता है।
• इसमे अधिक मात्रा मे उर्जा प्रस्तुत होने के कारण यह कम वजन वाले व्यक्ति लिये लाभदायक होता है।
• यह कॅल्शियम से भरपुर होता है जो दाँत और हड्डी कि मज़बुती के लिये लाभदायक होते है।
• कोदरी मे कम मात्रा मे फोसफोरस भी होता है।
• इस अनाज मे खाद्य रेशांक होता है और इसकी वजह से इसका ग्लाईसमिक ईन्डेक्स कम होता है और यह मधुमेह संबंधित व्यक्ति के लिये लाभदायक होता है।
• इसमे भरपुर मात्रा मे आर्जनिन, ट्रिप्टोफॅन और फिनिलएलानिन होते है, जो ज़रुरी शरीर के लिये ज़रुरी अमिनो एसिड होते है।
पकाई हुई कोदरी (cooked kodri)
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