वर्णन
पारंपरिक रुप से मक्ख़न के विकल्प के लिये बनाया गया मार्जरीन वनस्पति वसा है जो स्प्रैड के रुप मे परिवर्तित कया जाता है जिसका लगभग सभी व्यंजन या पकाने कि क्रया मे प्रयोग किया जा सकता है। चाहे स्टिक के रुप मे बना हो या नरम स्प्रैड के, जिसे फ्रिज से निकालकर प्रयोग किया जा सकता है, मार्जरीन बाज़ार मे आसानी से मिलता है और इसकि किमत किफायती होती है। आजकल मार्जरीन के स्प्रै भी मिलने लगे हैं। आमतौर पर मार्जरीन विभिन्न प्रकार के वनस्पति तेल को मिलाकर बनता है। कुछ ब्रैंड सोयाबीन का तेल प्रयोग करते है, वहीं कुछ मकई के तेल का मिलाते हैं। इसकि उत्तपादन कि प्रक्रीया के रुप मे तेल का हाईड्रोजिनिकरण किया जाता है। मिश्रण मे अदिक मात्रा मे हाईड्रोजन कण मिलाने से ठोस रुप मिलता है जो इसे मक्ख़न कि तरह ब्लॉक बनाने मे मदद करता है। मक्ख़न कि तुलना मे मार्जरीन ज़्यादा अच्छी तरह फैलता है और इसमे वसा कि मात्रा कम होने कि वजह से माक्ख़न से ज़्यादा पौष्टिक माना जाता है। आजकल मार्जरीन पौष्टिक स्प्रैड के रुप मे जाना जाता है और स्वास्थ्य और आहार विशेषज्ञ क सलाह पर, अक्सर इसमे आहारतत्व मिलये जाते हैं।
लिली पफ मार्जरीन (lily puff margarine)
चुनने का सुझाव
• मार्जरीन बाज़ार मे आसान से मिलता है और इसके अनेक विकल्प भी मिलते है, जिनमे से अपनी ज़रुरत अनुसार चुना जा सकता है।
• यह पदार्थ तेल कि मात्रा और रुप अनुसार विभिन्न प्रकार के मिलते है।
• आमतौर पर मार्जरीन मे तेल कि अधिक मात्रा होती है और इनका अक्सर बेकिंग और खाना पाकने मे प्रयोग किया जाता है।
• कम वसा कि मात्रा और वसा मुक्त मार्जरीन का अक्सर स्प्रैड और टॉपिंग के रुप मे प्रयोग किया जाता है।
• मार्जरीन पदार्थ आजकल बाज़ार मे स्टिक, टब और पिचकने वाले और स्प्रै रुप मे मिलते है जिनका ग्राहक कि ज़रुरत अनुसार प्रयोग किया जाता है। इसलिये ज़रुरत अनुसार चुने।
रसोई मे उपयोग
• खाना पकाने मे मार्जरीन का अक्सर पाई क्रस्ट, केक, कैसेरोल और विभिन्न प्रकार के डेज़र्ट बनाने मे प्रयोग किया जाता है।
• सुबह के नाश्ते मे अक्सर मार्जरीन का प्रयोग किया जाता है जिसे टोस्ट, गरम बिस्कुट और मफ़िन पर लगाया जाता है।
• बेक्ड पटॅटो और हरी सब्ज़ीयों के टॉपिंग के रुप मे मार्जरीन बेहद जजता है।
• नाश्ते के समय, पिघला हुआ मार्जरीन ताज़े बने पॉपकॉर्न पर डाला जाता है।
• मार्जरीन का उन सभी व्यंजन मे प्रयोग किया जाता है, जिसमे मक्ख़न का प्रयोग किया जाता है। खासतौर पर बेकिंग मे इसका प्रयोग कर परीणाम अच्छा मिलता है।
• अगर मार्जरीन मे "लाईट", "लो फॅट", "रीड्यूस्ड फॅट", "रीड्यूस्ड कॅलरी/डायट" या "फॅट फ्री" लिखा हो तो यह बेकिंग के लिये उप्युक्त नही होता है। तेल कि जितन मात्रा होगी, उतनी ही मात्रा मे वसा होगा। हालाँकि वसा कॅलर कि मात्रा बढ़ाता है, खाने को बेहतर रुप और भूरा रंग प्रदान करता है। तेल कि मात्रा जितनी कम होगी, पदार्थ मे वसा कि मात्रअ भी कम होगी। इसकि जानकारी होना खासतौर पर भूनने और बेक करने के लये ज़रुरी होती है, क्योंकि कम वसा कि मात्रा वाले पदार्थ, आम मार्जरीन तरह काम नही करते।
संग्रह करने के तरीके
• मार्जरीन को संग्रह करने के लिये, उसी के पैक मे या मक्ख़न कि प्लेट या किसी अन्य बर्तन मे रखें।
• फ्रिज या फ्रीज़र मे रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हाईड्रोजिनिकरण तेल के कुछ अनसैच्यूरेटड वसा को सैच्यूरेटड फॅट मे बदलता है, जो सेहत के लिये हानिकारक हो सकता है।
• आजकल बाज़ार मे मार्जरीन के कुछ एैसे विकल्प मिलते है जिनका स्वाद बिना बदले ह, यह दावा करते है कि इनमे सामन्य रुप से अनसैच्यूरेटड फॅट कि अधिक मात्रा होती है।
• पौष्टिक आहार मे मक्ख़न क जगह मार्जरीन का प्रयोग करना चाहिए क्योंक यह कलेस्ट्रॉल कम करने मे मदद करता है। वनस्पति से भरपूर मार्जरीन भी कलेस्टॉल कम करने के लिये अच्छा विकल्प है।
• कम वसा वाला मार्जरीन, हाई पॉलीअनसैच्यूरेटड फॅट और १% से कम ट्रांस फॅट वाले विकल्प चुने। इसकि जानकारी खाद्य लेबल पढ़कर मिल सकती है।