लैबल कि जाँच कर लें और ताज़े पीसे आटे मे से खरीदें कयोंकि पुराने आटे से खराब होने कि गंध आ सकती है।
• यह एक बहु उपयोगी, ग्लुटन मुक्त आटा है जो प्रोटीन से भरपूर होता है।
• इसका प्रयो प्याज़, आलू या केले के भजिये बनाने मे किया जाता है, जिसमे कटी हुई सब्ज़ीयों को बेसन के बने घोल मे डुबोकर तलकर करारा सुनहरा बनाया जाता है। इन्हे भजिये और पखौड़े के नाम से जाना जाता है और लगभग सभी भारतियों का मनपसंद होता है। इन्हे घर परभी बनाया जाता है, लेकिन ज़्यादातर यह चौपाटी मे मिलते है। यह फ्रिटर चाय के साथ खुब जजते है।
• इसका प्रयोग ढ़ोकला, बोन्डा और सेव बनाने के आधार के रुप मे किया जाता है और लड्डू और मैसूर पाक जैसी मिठाई बनाने मे किया जाता है।
• शाकाहारी ऑमलेट के आधार के रुप मे इसका प्रयोग किया जाता है।
• बेसन कोफ्ता मे भी मिलाया जाता है और यह कड़ी का मुख्य सामग्री होता है, जो एक दही आधारित सूप होता है जिसे उत्तर भारत मे अक्सर बनाया जाता है।
• बेसन के चीले एक झट-पट और आसानी से बनाने वाला नाश्ता है, जहाँ बेसन के घोल मे मसाले, बारीक कटी हरी मिर्च, प्याज़, टमाटर और अदरक मिलाया जाता है।
• सूप और सभी प्रकार के सॉस को गाढ़ा बनाने के लिये बेसन का प्रयोग किया जाता है, और विदेश मे अंडे कि तरह इसका प्रयोग सामग्री को बाँधे रखने के लिये किया जा सकता है।
• अन्य पाकशैली में, इस बहु उपयोगी आटे का प्रयोग घोल बनाने मे, सूप, डेज़र्ट और कुछ प्रकार के ब्रैड मे भी किया जाता है।
बेसन संग्रह करने के तरीके
• हवा बंद डब्बे मे रखकर साफ, सूखी जगह पर रखें और नमी, सूर्य कि किरणों और संक्रमण से दूर रखें।
• एक महीने से लंबे समय तक रखने के लिये, हवा बंद डब्बे मे रखकर फ्रिज मे रखें।
• लेकिन ज़रुरत अनुसार छोटे पैकेट ही खरीदें।
बेसन के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of besan, chana dal flour, bengal gram flour in hindi)
• बेसन (besan benefits in hindi): बेसन में गेहूं के आटे की तुलना में अधिक अच्छा वसा होता है और प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है। जटिल कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध और कम ग्लाइसेमिक सूचकांक के साथ, बेसन मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा है। बेसन फोलेट या फोलिक एसिड में उच्च है, जो तेजी से विकास और हड्डी के लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी) के गुणन के लिए महत्वपूर्ण है। बेसन के 10 विस्तृत लाभ देखें और यह आपके लिए क्यों अच्छा है।