• इसकी तेज़ खुशबु और अनोखे स्वाद के कारण, बहुत से व्यंजन, खासतौर पर दाल और सब्ज़ी में तड़का लगाने के लिए, अजवायन का बहुत ही कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है।
• इसे भजिये को खुसबु और स्वाद प्रदान करने के लिए, भजिया के घोल में भी मिलाया जाता है।
• पराठे का आटा बनाते समय आप इसमें थोड़ा अजवायन भी मिला सकते हैं, क्योंकि यह पराठे को सेकने पर, बेहद शानदार खुशबु प्रदान करता है।
• इसे अचार में अपने संग्रह करने के गुण के लिए भी मिलाया जाता है।
• अजवायन बीन्स् के गैस उत्तपन्न करने की आशंका भी कम करता है। साथ ही पाचन मज़बूत करता है।
• एक अच्छा पाचन तत्व होने के कारण, इसे खाने के बाद परोसने वाली छाछ में भी मिलाया जाता है या भुनकर खाया भी जाता है।
• इसे आप अपने मनपसंद पास्ता सॉस में भी मिला सकते हैं। सूप या स्टॉक में ताज़ा अजवायन भी डाल सकते हैं।
अजवायन संग्रह करने के तरीके
• इसे अच्छी तरह बंद हवा बंद काँच के डब्बे में रखकर ठंडी, गहरे रंग की और शूखी जगह पर रखकर ताज़ा रखा जा सकता है।
• यह साल भर तक ताज़ा रह सकता है।
अजवायन के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of carom seeds, ajwain, Thymol seeds, bishops weed in hindi)
अजवायन पाचन के लिए अच्छे होते हैं। इसका सक्रिय यौगिक थाइमोल पेट में पाचन रस के सिक्रीशन में मदद करता है, जो अपचा को रोकता है। पेट दर्द,
एसिडिटी और गैस को दूर करने के लिए अजवाईन एक बहुत अच्छा उपाय है।
अजवाईन का पानी भी चयापचय को बढ़ावा देने और वजन घटाने में सहायता करने के लिए जाना जाता है। अजवायन की रोटी के रूप में BP से पीड़ित लोग इसे शामिल कर सकते हैं।अजवाईन के विस्तृत फायदे यहां पढें।
अजवायन का पाउडर (carom seeds powder)
अजवायन का पाउडर बनाने के लिए, पहले बीज को धिमी आँच में भुने लें, ठंडा का पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का प्रयोग रसोई और चिकित्सक गुण के लिए किया जाता है।