लौंग ( Cloves )

लौंग क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | लौंग वाली रेसिपी | Viewed 21443 times

लौंग क्या है? What is cloves, laung, lavang in Hindi?


लौंग ट्रॉपिकल झाड़ की कच्चे खुले हुए फूल के कलियां होती है। यह एक 12-16 मिमी वाली नोकीले शाख और 4 नोक वाला फूल होता है। इसलिए, यह माना जाता है कि लौंग नाम, लॅटीन शब्द क्लॅवस् से आता है जिसका मतलब कील होता है।
जब यह ताज़े होते हैं, इनका रंग गुलाबी होता है और सूखने के बाद इनका रंग जंग लगा भुरा हो जाता है। इनके स्वाद को मीठा, तेज़, तीखा और बेहद खुशबुदार बताया जा सकता है।


लौंग चुनने का सुझाव (suggestions to choose cloves, laung, lavang)


• लौंग को साबूत या पीसा हुआ खरीदा जा सकता है।
• बाज़ार में मिलने वाले पाउडर की तुलना में, साबूत लौंग ज़्यादा सुगंधित और स्वादिष्ट होते है।
• साबूत लौंग एकसमान और बिना किसी दाग के होने चाहिए।
• किसी भी अन्य सूखे मसाले की तरह, लौंग खरीदते समय, कोशिश कर जैविक रुप से उत्तपन्न हुई लौंग खरीदें कयोंकि यह मिलावटी लौंग से ज़्यादा स्वादिष्ट और सुगंधित होती है।

लौंग के उपयोग रसोई में (uses of cloves, laung, lavang in Indian cooking)


• लौंग आसानी से व्यंजन का स्वाद बदल सकता है, खासतौर पीसा हुआ प्रयोग करते समय, इसलिए कम से कम मात्रा इसका प्रयोग करें।
• साबूत लौंग का प्रोयग अकसर सब्ज़ीयाँ, रोटी, समोसे, रोल, मिठाई को बाँधने के लिए कील की तरह किया जाता है।
• लौंग का प्रयोग विभिन्न मसाले के मिश्रण में किया जाता है, जैसे गरम मसाला, करी पाउडर, मलिंग मसाले और अचार के मसाले।
• साथ ही लौंग मशहुर वर्चेस्टायर सॉस का मुख्य सामग्री है।
• यह भारतीय पाकशैली में बेहद मशहुर हैं और इनका प्रयोग अकसर चावल से बने व्यंजन को खुशबु प्रदान करने के लिए किया जाता है।

लौंग संग्रह करने के तरीके


• साबूत लौंग खरीदना बेहतर होता है।
• अगर इन्हें हवा बंद डब्बे में रखकर सूर्य की किरणों से दुर रखा जाये, तो इन्हें लंबे समय तक रखा जा सकता है। फिर भी, इसमें अधिक मात्रा में तेल होने के कारण, लंबे समय तक रखने पर यह खराब हो जाते हैं। इसलिए समय-समय पर इसे छुकर और सूंघ कर इसके ताज़गी की जांच कर लें।
• पाउडर के रुप में इसका सवाद जल्दी खराब हो जाता है। लेकिन, चूंकी लौंग के पाउडर को खलबत्ते में नहीं बनाया जा सकता है और इसे पीसने के लिए मसाले ग्राईन्डर की आवश्यक्ता होती है, इन्हें एक बार में प्रयोग के लिए नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए कोशिश कर कम से कम मात्रा में पीसकर हवा बंद डब्बे में रखें।

लौंग के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of cloves, laung, lavang in Hindi)

प्राचीन काल से भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचारकर्ता लौंग का उपयोग पाचन संबंधी बीमारियों के लिए और इसके तेल का उपयोग दांत दर्द के लिए किया गया है। किसी भी रूप में इसका सक्रिय यौगिक 'यूजेनॉल' मुख्य आकर्षण है जिसे एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करने के लिए जाना जाता है। इसमें बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीवों को मारने और सर्दी और खांसी को दूर करने में मदद करने की क्षमता है। जब पानी के साथ उबाला जाता है और कुल्ला किया जाता है, तो लौंग एक अच्छा जीवाणुरोधी माउथवॉश होता है, जो सांसों की दुर्गंध से निपटने और गले की खराश से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। लौंग की चाय कंजेशन से राहत पाने के सबसे आम घरेलू उपचारों में से एक मानी जाती है। लौंग के तेल को सिर पर लगाने से कुछ लोगों को सिरदर्द से राहत मिलती है। लौंग के तेल की कुछ बूंदों को मुंहासों पर लगाने से इसका इलाज करने में मदद मिल सकती है।

लौंग का पाउडर (cloves powder)
इसे लौंग को भुनकर पीसकर बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए ब्लेन्डर का प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि लौंग का पाउडर खलबत्ते में बनाना मुश्किल होता है। लौंग के पाउडर का प्रयोग मेरीनेड, स्ट्यू, सूप में किया जाता है।