डायजेस्टीव बिस्कुट ( Digestive biscuit )

डायजेस्टीव बिस्कुट क्या है ? ग्लॉसरी, डायजेस्टीव बिस्कुट का उपयोग, स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी  Viewed 9188 times

डायजेस्टीव बिस्कुट क्या है?


यह बड़े व्यास वाले आकार का बिस्कुट है जिसका रुप दरदरा होता है जिसे बहुत से लोग पसंद करते है। इसका स्वाद बेहद अच्छा और मेवेदार होता है जिसमे शक्कर की हल्की मीठास होती है। वास्तविक रुप से डायजेस्टीव बिस्कुट मे मोटा भुरे रंग का गेहूँ का आटा (जो इसे अलग स्वाद प्रदान करता है), आधा हाईड्रोजिनेटड वनस्पति तेल, होल मील, कल्चर्ड स्कीम्ड दुध, अर्ध इनवर्टड शक्कर की चाशनी, रैसिंग एैजएन्ट, शक्कर और नमक।

   

डायजेस्टीव बिस्कुट चुनने का सुझाव (suggestions to choose digestive biscuit)


• बाज़ार मे डायजेस्टीव बिस्कुट के बहुत से ब्रेंड मिलते है। अपनी पसंद अनुसार ब्रेंड चुने और अपनी ज़रुरत अनुसार पैकेट का आकार चुने। ताज़े बिस्कुट के लिये उसके उत्तपादन और समापन के दिनाँक की जाँच कर लें।

डायजेस्टीव बिस्कुट के उपयोग रसोई में (uses of digestive biscuit in cooking)

पाचक बिस्किट का उपयोग करने वाली रेसिपी | recipes using digestive biscuit in Hindi |


1. नो बेक कुकीज़ रेसिपी | हेल्दी नो बेक चॉकलेट पीनट बटर कुकीज़ | हेल्दी नो बेक मूसली कुकीज़ | healthy no bake cookies in hindi. कुरकुरे और पौष्टिक सामग्री जैसे मूसली और व्हीट ब्रान के साथ क्रश किए हुए डाइजेस्टिव बिस्किट को मिलाकर कुकीज का आकार दिया जाता है।

2. चॉकलेट पाई रेसिपी | एगलेस चॉकलेट पाई | नो बेक चॉकलेट पाई | होममामडे आसान चॉकलेट पाई | chocolate pie in Hindi | with 5 amazing images.


• यह सादा या किसी भी प्रकार के चीज़ या जैम के साथ स्वादिष्ट लगता है।
• कुछ व्यक्ति डायजेस्टीव बिस्कुट का सेवन चाय या कॉफी मे डुबोकर नरम कर खाते है।
• इन्हे चुरकर इसका प्रयोग चीज़ केक जैसे व्यंजन में क्रैकर करस्ट बनाने के लिये किया जा सकता है।

डायजेस्टीव बिस्कुट संग्रह करने के तरीके 


• खोलने के बाद इसे हवा बंद डब्बे मे रखकर सामान्य तापमान मे रखें।
इसे हवा या नमी से दुर रखें क्योंकि यह नरम हो सकते है और चिपचिपे भी हो सकते है।
खोलने के बाद इन्हे 2-3 हफ्ते के लिये रखा जा सकता है।

डायजेस्टीव बिस्कुट के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of digestive biscuit in hindi)

 
• इनमे रीफाईन्ड कार्ब शुगर कि मात्रा ज़्यादा होती है और इनका ग्लाईसमिक ईन्डेक्स भी ज़्यादा होता है, जिसका मतलब है कि यह रक्त मे शक्करा की मात्रा तेज़ी से बढ़ा सकते है, जिससे अत्यधिक मात्रा मे ईन्सुलिन बनता है और अचानक रक्त मे शक्करा की मात्रा कम हो जाती है।
• इसमे रेशांक की मात्रा ज़्यादा होती है क्योंकि इसमे साबूत अनाज का प्रयोग किया जाता है साथ ही कुछ मात्रा मे अनाज का धान भी होता है।

क्रश्ड किया हुआ डायजेस्टीव बिस्कुट (crushed digestive biscuit)
बिस्कुट को हाथों से या कपड़े के बीच रखकर हथौड़ी मार कर करश किया जाता है। कपड़े में रखकर ज़्यादा बारीक पदार्थ मिलता है।