लो फॅट दूध ( Low fat milk )

लो फॅट दूध क्या है? ग्लॉसरी |लाभ, का उपयोग करता है, रेसिपी | in hindi | Viewed 35251 times

अन्य नाम
९९.७% वसा मुक्त दूध, टोन्ड दूध, स्किम दूध, १% वसा दूध

लो फॅट दूध क्या है?


दूध से मलाई निकालने के बाद, उसे आसान शब्दों से लो फॅट दूध कहते है। पारिभाषीक रुप से इस तकनीक को अपकेंद्रित करना कहते है। स्किम मिल्क के अनुकूल, जिसमे ०.५% से भी कम वसा कि मात्रा होती है, लो फॅट दूध में १-२% वसा कि मात्रा होती है। अपकेंद्रित करने के बाद बची मलाई का प्रयोग मलाई, मक्ख़न और अन्य दुग्ध उत्पाद बनाने मे किया जाता है। आमतौर पर वसा भरपूर दूध और लो फॅट दूध में न्यूनतम मात्रा में केवल स्वाद और गाढ़ेपन मे होता है। यह सब केवल दूध से मलाई निकलाने कि वजह से होता है जो लो फॅट दूध कि पतला बना देता है लेकिन उसका सफेद रंग बना रहता है। अगर आप घर पर बना रहे है तो ध्यान रखें कि दूध से मलाई तीन बार निकालनी ज़रुरी है। पहले दूध को उबाल लें और कम से कम २ घंटे के लिये सामान्य तापमान पर रखें। बड़े चम्मच से उपर जमी सारी मलाई निकाल लें। उसके बाद दूध को फ्रिज में ५ से ६ घंटे के लिये रखकर, उपर जमी गाढ़ी मलाई कि परत को निकाल लें। तीसरा और आखरी क्रमांक यह है कि दूध को एक और बार गरम कर रात भर फ्रिज मे रखें। अगली सुबह मलाई कि परत निकाल लेँ। अब जो दूध बचता है उसमें केवल १-२% वसा कि मात्रा होती है।

चुनने का सुझाव
• बाज़ार में आसानी से उपल्बध, लो फॅट दूध लगभग सभी डेयरी ब्रैण्ड बनाते हैं।
• खरीदने के पहले उत्पादन और समापन कि दिनाँक ज़रुर जाँच लें।

रसोई मे उपयोग
• लो फॅट दूध का प्रयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन और पेय पसार्थ बनाने में किया जाता है।
• सवादिष्ट लो फॅट मिल्क शेक बनाकर देखें जिसे लो फॅट दूध को कोको-पाउडर, ड्रिंकिन्ग चॉकलेट, चूरा किया हुआ मॅरी बिस्कुट और थोड़े बॉर्नविटा को ४ से ५ बर्फ के टुकड़ों के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इसे चॉकलेट के टुकड़ों के साथ ठंडा परोसें।
• अपने पसंद के फल को लो फॅट दूध के साथ मिलाकर कई प्रकार के लो फॅट मिलसक शेक बनाये जा सकते हैं।
• हल्के गर्म लो फॅट दूध मे चम्मच भर दही मिलाकर लो फॅट दही बनाया जा सकता है। इस दही का प्रयोग रायता, सलाद के ड्रेसिंग या लो फॅट श्रीखण्ड बनाने में किया जा सकता है।
• लो फॅट दूध का प्रयोग केक, पुडिंग, मफिन…आदि बनाने मे भी किया जाता है।

संग्रह करने के तरीके
• इस दूध के प्रतयेक टैट्रा पैक को फ्रिज में रखे बिना १२० दिनों तक रखा जा सकता है क्योंकि इसे अल्ट्रा हाई ट्रीटमेन्ट (यू.एच.टी) दिया जाता है। पौकेट खेलने के पुर्व इसे फ्रिज में रखना ज़रुरी होता है और ४ दिनों के अंदर प्रयोग कर लेना चाहिए। संपूर्ण दूध कि तुलना में इसे लंबे समय तक संग्रह किया जा सकता है क्योंकि इसमे से सारा वसा निकाल दिया जाता है।

स्वास्थ्य विषयक
• दूध और कम वसा वाला दूध  (benefits of milk, low fat milk in hindi): 
1 कप दूध अनुशंसित दैनिक भत्ता का 70% कैल्शियम प्रदान करता है। दूध मजबूत हड्डियों को बढ़ावा देता है। दूध में मौजूद कैल्शियम आपके दांतों को मसूड़ों की बीमारी से बचाने में मदद करता है और आपके जबड़े की हड्डी को मजबूत और स्वस्थ रखता है। दूध कार्ब्स में कम है और इसलिए रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता नहीं है। हालांकि मधुमेह रोगियों को कम वसा वाले दूध का सेवन अपने आहार विशेषज्ञ के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार लेना चाहिए, ताकि रक्त शर्करा के स्तर में किसी भी उतार-चढ़ाव से बचा जा सके। प्रोटीन एक और महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो दूध में समृद्ध है - एक कप में 8.6 ग्राम। इसलिए प्रोटीन का स्तर बढ़ाने के लिए इच्छुक सभी लोग दूध और इसके उत्पादों जैसे दही और पनीर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। एक कप दूध 10 ग्राम कार्ब्स देता है। कम वसा वाले दूध में केवल वसा कम होती है, बाकी दूध के समान लाभ होते हैं।