नमक ( Salt )

नमक ग्लॉसरी |स्वास्थ्य के लिए लाभ, पोषण संबंधी जानकारी + नमक की रेसिपी( Glossary & Recipes with Salt in Hindi) Tarladalal.com Viewed 36726 times

वर्णन
सभी के घर मे पाये जाने वाला नमक और कुछ नही, केवल सोडीयम क्लोराईड होता है। यह विश्व के भिन्न प्रांत में हलाईट नामक मिनरल के रुप मे पाया जाता है और नमक के तलाब के वाष्पित हुए पदार्थ से मिलाकर बनता है। समुद्र के पानी मे काफी मात्रा मे नमक पाया जाता है। अक्सर नमकीन पानी को छिछले सुरंग मे डालकर सूखाया जाता है और पानी के वाष्पित होने के बाद बने हुए क्रिस्टल कण को साफ कर बनाया जाता है।

सोडियम क्लोराईड के क्रिस्टल त्रिघातिय आकार के होते है। क्रिस्टल का आकार और रंग भिन्न प्रकार के होते है। इसका रंग नमक कि शुद्धता पर निर्भर करता है, शुद्ध होने पर यह बेरंग से सफेद रंग का होता है और सेँधअ नमक खास ग्रै से भूरे रंग का होता है।
नमक जीवन मे महत्वपूर्ण होता है, यह हमारे शरीर का मुख्य कण माना जाता है। नमक के बीना जीवन व्यतीत नही किया जा सकता है, लेकिन साथ ही इसकि अधिक मात्रा सेहत के लिये हानिकारक होती है।

एप्सम सॉल्ट (epsom salt)
पानी मे पाये जाने वाले प्राकृतिक मिनरल से एप्सम सॉल्ट बनता है। इसे मॅग्निशियम सल्फेट भी कहा जाता है, एप्सम सॉल्ट का नाम ईन्गलैन्ड मे एप्सम नामक शहर पर पड़ा है, जहाँ इसे पहली बार पानी से सारभूत किया गया था।
एप्सम सॉल्ट किसी भी दवाई या किराने कि दुकान मे आसानी से मिलता है। किफायती और प्रभावशील, हर घर मे नमक का भिन्न तरीको से प्रयोग किया जाता है। नमक के काफी प्रयोग शीघ्रता से चोट ठीक करना, साथ ही त्वचा को निखारने और आधारिय अलंकरण मे प्रयोग किया जाता है। लेकिन इसका सबसे ज़्यादा प्रयोग बाथ सॉल्ट के रुप मे किया जाता है। दिन भर काम करने के बाद, दो कप एपसम नमक को गरम पानी के टब मे डालकर शरीर का तनाव कम होता है और आराम प्रदान करता है। इसका यह प्रयोग कि वजह से एप्सम सॉल्ट विश्व भर के काफी घरो मे पाया जाता है।

पवित्रीकरण इस नमक का दुसरा काम है। काफी व्यक्ति एप्सम सॉल्ट को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाकर और धोकर, इसका प्रयोग त्वचा को निखरने और नये जैसा बनाने के लिये करते है। तेलीय सेहरे के लिये इस नमक का प्रयोग कर मास्क बनाये जाते है, जिसमे एप्सम सॉल्ट के साथ थोड़ा नींबू का रस, एक अंडा और थोड़ी मात्रा मे कम वसा वाला दूध मिलाया जाता है। जब बाल धोने का समय ना मिले, एप्सम सॉल्ट को जड़े मे लगाकर बाल साफ किये जा सकते है, जिससे कंघी करने मे आसानी होती है और बाल झड़ते नही है।

एप्सम सॉल्ट छोटी-मोटी चोट या हल्के दर्द को ठीक करने के लिये उपयिगी माना जाता है। आसान से बने एप्सम सॉल्ट बाथ को चोट या दर्द मे लगाने से काफी आराम मिलता है, और सूजन कम करने मे, साथ ही पीड़ा कम करने मे मदद करता है। चोट लगी जगह को एप्सम सॉल्ट और गुनगुने पानी के घोल मे 20 से 30 मिनट तक भीगोने से ना सिर्फ आराम मिलता है, साथ ही तनाव कम करने मे मदद करता है।
फ्रूट सॉल्ट (fruit salt)
ईनो का बेकिंग मे प्रयोग किया जा सकता है। यह आटे को फूलने मे और बहुत से व्यंजनो मे इसका प्रयोग किया जा सकता है। खाने को मूलायम और फूला हुआ बनाने के लिये, ईनो का विभिन्न प्रकार के व्यचजन मे प्रयोग किया जाता है, जैसे पॅनकैक, चावल के आटे का टार्टिला, गेहूँ के आटे का टार्टिला, नान, ढ़ोकला, खमण, चावल के पफ, इडली, डोसा, आदि।

ईनो फ्रूट सॉल्ट बाज़ार मे आसानी से मिलता है। इसका आधारिय काम तीक्षणता से आराम दिलाना होता है। यह एक प्रकार का घर पर बना सोडा है।तीक्षणता से आराम के लिये, बस आधा टेबलस्पून ईनो को ग्लास भर पानी मे डालें और जैसे ही बुलबुले दिखने लगे, तुरंत पी जायें। चटपटे तीखे खाने के बाद अपने पेट मे बने एसिड से आराम के लिये ईनो उपयोगी होता है। यह पेट कि सूजन और ईसोफेगस मे जलन से आराम प्रदान करता है। ईनि एक फ्रूट सॉल्ट है जो पाचन मे मदद करता है। ईनो सोडा बायकार्ब और सिटरिक एसिड का मिश्रण है। इसे जब पानी से साथ मिलाया जाता है, कार्बनडाईऑक्साईड के बुलबुले बनते है जो पेट कि गैस से आराम प्रदान करते है।सोडा पेट के एसिड को निष्प्रभाव करता है। इसे पीना सुरक्षित होता है। यह किसी भी अम्लतत्वनाशक दवा कि तरह काम करता है। लेकिन पीने के समय ही इसे बनाना लाभदायक होता है। इसे शराब मे मिलाने वाले सोडा कि जगह पीया जा सकता है।
कोशेर नमक (kosher salt)
दरदरे नमक को संक्षिप्त कर कोशेर नमक बनाया जाता है, जिससे बड़े और तेड़े मेड़े फ्लैक्स् मिलते है। कोशेर नमक दरदरा नमक है जिसे शैफ बहुत पसंद करते है कयोंकि इसे सादे नमक कि तुलना मे प्रयोग करना आसान होता है और यह खाने मे ज़्यादा अच्छी तरह से घुल जाता है। सादे नमक के विपरीत, कोशेर नमक मे आयोडीन प्रस्तुत नही होता जिसकी वजह से यह नमकीन व्यंजनों का स्वाद कड़वा और धितु जैसा बनाता है। कोशेर नमक मे विशिष्ट रुप से भिन्न प्रकार के योगात्मक पदार्थ नही होते, जैसे एन्टी केकिंग पदार्थ या एन्टी लम्पिंग पदार्थ, जिसकी वजह से यह सोडीयम का शुद्ध रुप बनता है। इस नमक के दरदरे कण कोशेरिंग प्रक्रीया (कटे हुए माँस मे नमक लगाकर सारा खून निकालना) के लिये उपयुक्त होता है, क्योंकि यह माँस से पूरी तरह सोखे बिना अधिक तल श्रेत्रफल मे फैल जाता है।

कोशेर नमक का रुप और आकार हल्का और बारीक पीसे नमक से ज़्यादा सौम्य होता है। इसके सौम्य स्वाद के लिये इसका रुप काफी लोगो को पसंद आता है, साथ ही यह खाने पर छिड़कने से हल्का करारापन प्रदान करता है। कोशेर नमक आसानी से घुल जाता है और खाना पकाने के समय खाने मे आसानी से फैल जाता है और अन्य स्वाद के साथ आसानी से घुल जाता है। मसालो से मिश्रण मे मिलाने के लिये यह नमक उपयुक्त होता है, कयोंकि इसका हल्का रुप आसानी से मिल जाता है। हालाँकि इस नमक का बेकिंग मे प्रयोग नही किया जा सकता, क्योंकि इसका दरदरा रुप इसे बेकरी पदार्थ के लिये उपयुक्त नही बनाता।
समुद्री नमक (sea salt)
टेड़े मेड़े कणों वाला यह नमक दरदरा होता है। इसमे किसी भी प्रकार के योगात्मक पदार्थ नही होते। यह दरदरा रुप अपना काम अच्छी तरह करता है। यह ना सिर्फ यहूदी बावर्ची के बीच मशहुर है, साथ ही इसका रुप और स्वाद पसंद करने वाले व्यावसायिक और रुचिकर खाना बनाने वाले भी पसंद करते है। आम सादे नमक कि जगह प्रयोग करने के समय, आपकि इसे अधिक मात्रा मे प्रयोग करना पड़ सकता है, क्योंकि यह कम नमकीन होता है। कण के आकार और रुप खाने मे आसानी से घुलते नही है।

समुद्री नमक के बहुत से समर्थक इसे सादे नमक से ज़्यादा स्वादिष्ट मानते है। शैफ प्रथमिक रुप से समुद्री नमक या कोशेर नमक का प्रयोग बेक्ड पटॅटो के क्रस्ट के रुप मे या फ्रैंच या थाई पाकशैली मे करते है। समुद्री नमक आम नमक जितना नमकीन नही होता, इसलिये व्यंजन मे स्वाद के लिये नमक कि मात्रा बदलनी पड़ सकती है। समुद्री नमक अन्य मसालो कि तुलना मे महँगा होता है।
कम पारीष्क्रीत किया हुआ और ग्रै रंग के इस दरदरे नमक का आईसक्रीम मशिन मे प्रयोग किया जाता है। समुद्री नमक का खाना बनाने मे प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखे कि वह खाने योग्य हो। कुछ समुद्री नमक आईस क्रीम मशिन के लिये बेचे जाते है जो खाने योग्य नही होते।

चुनने का सुझाव
• नमक क्रिस्टल नमक, टेबल नमक, रंग-बिरंगे और स्वाद भरे विकल्प मे मिलता है। अपनी ज़रुरत अनुसार चुने।
• ज़रुरत अनुसार छोटा या बड़ा पैकेट चुने।
• नमक के गुण, ताज़गी, सूखापन और सफाई जाँच लें। जमा हुआ या अशुद्ध पदार्थ से मिला हुआ नमका ना चुनें। नमक का आसानी से बेहना उसकि ताज़गी कि पहचान है।
• आरक्षित नमक भी मिलते है, इसलिये खरीदने से पुर्व पैकेट के लेबल पढ़ लें।

रसोई मे उपयोग
• नमक विश्व का सबसे पुराना जाना पहचाना मसाला है। खाद्य प्रक्रमण, पकाने और टेबल पर, होटेल और घर पर, व्यक्ति भिन्न प्रकार के सिडियम क्लोराईड का प्रयोग करते है।
• नमकीन स्वाद प्रदान करने के साथ-साथ, नमक खाने के प्राकृतिक स्वाद को बढ़ाकर खाने को स्वादिष्ट बनाता है।
• यह खाने मे किटाणु बनने से रोकता है और साथ ही कुछ अनचाहे अणुजीव को भी।
• प्रक्रमण किये हुए खाने को उपयुक्त रुप प्रदान करने के साथ-साथ, खाने के प्रक्रमण में खमीर आने कि मात्रा को संतुलित रखने के पदार्थ के रुप मे प्रयोग किया जाता है, साथ ही खाने मे रंग, खुशबु और रुप प्रदान करता है।
• बेक्ड पदार्थ मे नमक खमीन अने कि मात्रा को संतुलित रखता है, जो एक समान खाद्य पदार्थ बनाने के लिये आवश्यक होता है।
• नमक ब्रैड के सुनहरे रंग का क्रस्ट निखरता है, जहाँ वह आटे मे शक्कर के संहार को बचाकर भूरा रंग प्रदान करता है।
• ब्रैड के आटे मे ग्लूटेन को मज़बुत कर, एक सामन रुप, दरदरा पन और आटे को मज़बुती प्रदान करता है। नमक के प्रस्तुत होने पर ग्लुटेन ज़्यादा पानी और कार्बन डाईऑक्साईड को बाँध कर रकता है, जिससे आटा फटे बिना फूल जाता है।
• नमक चीज़ और अन्य खाद्य पदार्थ जैसे सॉसेजस् में विशिष्ट कड़कपन और मनचाहा स्वाद और समान गाढ़ापन प्रदान करता है।
• आचार बनाने मे नमक लवण कि मात्रा धीरे शीरे बढ़ायी जाती है, जो बनाने कि क्रीया समाप्त होने तक, खमीर आने के अनुपात को कम करता है।
• नमक सब्ज़ीयों का रस बहार निकालता है। यह कुछ व्यंजन मे पानी युक्य सब्ज़ी जैसे ककड़ी या बैंगन के लिये अच्छा होता है, लेकिन अगर आप कुम्भ को करारा रखना चाहते हैं, तो नमक आखरी मे डालें।
• सब्ज़ी और पास्ता मे नमक करारा रुप प्रदान करता है।
• हालाँकि नमक खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करता है, लेकिन इसकि अत्यधिक मात्रा खाना और अपके स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है। इसलिये, ध्यान रखकर ज़रुरी मात्रा मे ही नमक का प्रयोग करें। सॉस और सूप जैसे पदार्थ जिसे लंबे समय तक पकाया जाता है, इनमे शुरुआत मे नमक ध्यान से डालें क्योंकि पदार्थ के गाढ़े होने पर नमक का स्वाद तेज़ होता जाता है। ब्रैड और डेज़र्ट मे भी नमक डालने के समय, केवल चुटकी भर या बहुत ही कम मात्रा मे नमक का प्रयोग करें।
• अंडे फेंटने से पहले उनमे नमक ना डालें। नमक सारा पानी निकल देता है, जिससे ना सिर्फ फेंटने का समय बढ़ जाता है, साथ ही अंडा फूलता नही है, इसका रुप पानी जैसा हो जाता है और स्थिर नही रह पाता।
• अगर आप पास्ता या सब्ज़ी के लिये पानी उबालते समय नमक डालना चाहतर है, तो पानी के उबलने के बाद नमक डालें। नमकीन पानी उबलने के लिये ज़्यादा समय लेता है।
• सब्ज़याँ प्राकृतिक रुप से सोडियम से भरपूर होती है जैसे चुकंदर, केल, चार्ड, अजमोद, पालक, डैंडिलीयोन ग्रीन्स्, गाजर, एन्डीव, मकई और आर्टीचोक्स्। इस प्रकार कि सब्ज़ी मे नमक श्यान से डालें।

संग्रह करने के तरीके
• नमक हमेशा हवा बंद डब्बे मे रखकर सालभर के अंदर प्रयोग कर लेना चाहिए, हालांकि यह कहा जाता है कि नमक कभी खराब नही होता।
• नमी और उमस से नमक चिपकर डल्ला बन जाता है। इसलिये, नमक के बर्तन मे लगभग दस चावल के साने डालकर रखें क्योंकि वह नमी सोख लेते है।
• नमक चाँदि के बर्तन मे ना रखें। नमक का क्लोरीन चाँदि से साथ गलत तरीके से मिलता है जिससे बर्तन मे हरे रंग के दाग बन जाते हैं। इसी वजह से, जहाँ तक हो सके, नमक निकालने के लिये लकड़ी के चम्मच का प्रयोग करें।

स्वास्थ्य विषयक
• नमक का प्रयोग ज़रुरत हो उतनी ही मात्रा मे करें, क्योंकि इसकि अदिक मात्रा से उच्च रक्तचाप हो सकता है।
• आपके शरीर के सैल मे नमक अनियमित दिल कि धड़कन को संभालने मे और जलविधुत उर्जा उत्तपन्न करता है।
• फेफड़ो मे जमे हुए चिपचिपे बलगम को साफ करने मे मदद करता है, खासतौर पर दमा और पुटीय तंतुमयता मे, और सायमस मे संकुलन को साफ करता है।
• सूखी खाँसी होने पर, चु;की भर नमक ज़ुबान पर रखने से आराम मिलता है।
• यह आपके शरीर को मज़बूत प्राकृतिक अॅन्टीहिस्टामिन प्रदान करता है, जो एलर्जिस् से बचाते है और अच्छी निंद आने मे भी मदद करते है।
• नमक वृक्क को ज़रुरत से ज़्यादा एसिड को मूत्र द्वारा निकालने मे मदद करता है।
• यह अत्यधिक मात्रा मे थूक बनने से रोकता है।
• दाँत मे दर्द होने पत नमक उपयोगी होता है। गुनगुने पानी मे नमक डालकर कुल्ले करें। इससे दाँतो मे सड़न से बचे रहते हैं।