भारत मे उगाये जाने वाले मोटे अनाज मे से सबसे ज़्यादा उगाया जाता है। यह सबसे ज़्यादा अफरिका और भारत मे उत्तपन्न किया जाता है। यह छोटे भूरे रग के दानो का स्वाद मेवेदार और कड़वा होता है लेकिन खाने के बद यह मीठे लगते है।
बाजरा चुनने का सुझाव (suggestions to choose whole bajra, black millet, pearl millet)
• इस बात का ध्यान रखें कि यह अनाज धुल मिट्टी, पत्तथर और अन्य प्रकार के अशुद्ध पदार्थ से मुक्त हो।
• इस अनाज के कण छोटे और भूरे रंग के मोती जैसे दाने होने चाहिए।
बाजरा के उपयोग रसोई में (uses of whole bajra, black millet, pearl millet in Indian cooking)
• इसका प्रयोग अक्सर खमीर से बने या बिना खमीर के बने ब्रेड बनाने मे, पॉरिज और खिचड़ी बनाने के लिये किया जाता है।
• खिचड़ी मे बाजरे का प्रयोग करने के समय, बाजरा को रातभर भीगोने के बाद हरी मूँग दाल के साथ प्रैसर कुकर मे नरम होने तक पकायें। घी मे तड़का लगाकर मिला लें। यह एक पारंपरिक राजस्थानी खाना है।
• बाजरे का आटा बनाकर, इसका प्रयोग बाजरे कि रोटी, खाखरे, भाकरी, भरवां पराठे, मूठीया, ढ़ोकले, चकली आदि बनाने के लिये किया जाता है।
• दक्षिण भारत में, खासतौर पर खेती करने वाले क्षेत्र में, बाजरा को चावल कि तरह प्रैशर कुक किया जाता है, ठंडा होने पर गोल आकार मे बनाकर पानी भर बर्तन मे रखा जाता है। इन बॉल को अगले दिन दही, प्याज़ और हरी मिर्च के साथ ताज़े नाश्ते के रुप मे खाया जाता है।
बाजरा संग्रह करने के तरीके • ठंडी जगह पर हवा बंद डब्बे मे रखें।
• ताज़ा बाजरा चुनना अच्छा होता है, इसलिये छोटे पैकेट ही खरीदें।
बाजरा के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of whole bajra, black millet, pearl millet in Hindi) • इसमे उच्च मात्रा मे प्रोटीन होता है और अमिनो एसिड का बेहतरीन संतुलन होता है। इसलिये यह रस प्रक्रिया मे मुख्य किरदार निभाता है।
• अन्य ानाज कि तुलना मे इसमे लौहतत्व कि मात्रा अधिक होती है। इसका प्रयोग करने से हिमोग्लोबिन कि मात्रा बनी रहती है, जिससे अनिमीया जैसी बिमारीयाँ नही होती।
• इसमे संतुलित मात्रा मे थायामीन (विटामीन बी1) होता है, जिससे रक्त का बहाव बढ़ता है और तंतिक्रा तंत्र के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है।