तिल मसाला खाखरा रेसिपी से 6 खाखरा बनते हैं, प्रत्येक 15 ग्राम।
तिल मसाला खाखरा रेसिपी के 1 khakhra के लिए 54 कैलोरी, कोलेस्ट्रॉल 0, कार्बोहाइड्रेट 7.9, प्रोटीन 1.4, वसा 2. पता लगाएं कि तिल मसाला खाखरा रेसिपी रेसिपी में पाए जाने वाले फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटैशियम, फोलिक एसिड कितना है।
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मसाला खाखरा दिन के किसी भी समय खाने के लिए एक पौष्टिक नाश्ता है। जानिए गुजराती मसाला खाखरा बनाने की विधि ।
मैदा की बजाय गेहूं के आटे से बने इन हेल्दी खाखरा में कुछ मात्रा में फाइबर होता है, जो आपको अधिक समय तक भरा हुआ रखेगा और अस्वास्थ्यकर खाने से बचाएगा। वजन पर नजर रखने वालों के साथ-साथ पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं और लड़कियां जो स्वस्थ खाने का लक्ष्य रखती हैं, वे इनका एक बड़ा बैच बना सकती हैं और नाश्ते के समय इसका आनंद ले सकती हैं।
तिल मसाला खाखरा बनाने के लिए , एक गहरे कटोरे में गेहूं का आटा, तिल, हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर, तेल और नमक मिलाएं और पर्याप्त गर्म पानी का उपयोग करके नरम आटा गूंथ (६") व्यास का पतला गोला बेलने के लिए थोड़े से गेहूँ के आटे का उपयोग करें। एक नॉन-स्टिक तवा गरम करें और उस पर एक रोटी रखें और दोनों तरफ से कुछ सेकंड के लिए पकाएँ और धीमी आँच पर मलमल के कपड़े की मदद से या खाखरा प्रेस की मदद से थोड़ा दबाव डालते हुए कुरकुरा होने तक पकाएँ। ५ और खाखरा बनाने के लिए चरण ३ से ५ दोहराएँ। उन्हें पूरी तरह से ठंडा होने दें, एक एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करें। आवश्यकतानुसार उपयोग करें।
क्या तिल मसाला खाखरा सेहतमंद है?
हाँ, यह सेहतमंद है। लेकिन कुछ लोगों पर प्रतिबंध लागू होते हैं।
आइए सामग्री को समझते हैं।
क्या अच्छा है।
गेहूं, गेहूँ (Health Benefits of whole wheat, gehun in Hindi): गेहूं एक साबुत अनाज है और इसलिए फाइबर और पोषक तत्वों में भरपूर है। इसमें मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक तृप्त करने में मदद कर सकता है और इस तरह वजन घटाने में मदद भी करता है। यह स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। मधुमेह रोगियों के लिए भी चावल या मैदे की तुलना में साबुत गेहूं एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है। पर चूंकि साबुत गेहूं में भी कार्ब्स अधिक होते हैं, इसलिए हम इसे सब्जियों के साथ मिलाने की सलाह देते हैं। इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर मल में बल्क जोड़ता है। यह मैग्नीशियम, फास्फोरस, जस्ता आदि जैसे अन्य पोषक तत्वों का भी एक अच्छा स्रोत है। गेहूं में ग्लूटेन होता है और इसलिए यह ग्लूटेन असहिष्णु लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।
नारियल का तेल (Benefits of Coconut Oil, nariyal ka tel in Hindi) : प्रोसेस्ड सीड ऑयल की जगह नारियल के तेल का इस्तेमाल करें | नारियल का तेल एक मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (MCT - Medium Chain Triglycerides) है। अन्य वसाओं के विपरीत, वे आंत (gut) से सीधे यकृत (liver) में जाते हैं। यहाँ से, उन्हें फिर ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। चूंकि MCT की कैलोरी का सीधा उपयोग किया जाता है, इसलिए उनका शरीर में वसा के रूप में संग्रहीत होने की संभावना कम होती है। MCT आपके दिमाग और मेमरी फ़ंक्शन को भी बेहतर बनाते हैं, वे आपकी ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ावा देते हैं और आपके एन्ड्योरन्स में भी सुधार करते हैं। नारियल के तेल में रहित एम.सी.टी. एच.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल (HDL cholesterol) की गिनती को बढ़ाते हुए एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है, रक्तचाप को बनाए रखता है और मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा है। नारियल तेल के विस्तृत लाभ पढें।
क्या मधुमेह रोगी, हृदय रोगी और अधिक वजन वाले व्यक्ति तिल मसाला खाखरा खा सकते हैं?
हां, यह नुस्खा मधुमेह रोगियों, हृदय रोगियों और वजन घटाने के लिए अच्छा है। गेहूं एक साबुत अनाज है और इसलिए फाइबर और पोषक तत्वों में भरपूर है। इसमें मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक तृप्त करने में मदद कर सकता है और इस तरह वजन घटाने में मदद भी करता है। यह स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
इस खाखरा के लिए एक स्वस्थ अकम्प्निमेन्ट क्या है?
हमारा सुझाव है कि आप इसे गाय के दूध से बने दही या लो फैट दही ।
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