लो फॅट दही ( Low fat curds )

लो फॅट दही क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | रेसिपी | Viewed 15837 times

लो फॅट दही, कम वसा वाले दही क्या है?


दही आपके आहार में एक पौष्टिक अंबार है। अगर आप संतुलित आहार ग्रहण करना चाहतें है तो लो फॅट दही अपने आहार में शामिल करें। कम कॅलरी के साथ यह दही का बेहतरीन का स्वाद प्रदान करता है।


लो फॅट दही, कम वसा वाले दही चुनने का सुझाव


बाज़र में अलग अलग मात्रा कि वसा में विभीन्न प्रकार के दही मिलते हैं। सभि प्रकार के दही आम, लो फॅट या नॉन फॅट के रुप में मिलते हैं इसलिये आप अपने प्रयोग अनुसार चुन सकते हैं। दही कि ताज़गी जाँचने के लिये उसके निेर्माण कि दिनाँक पढ़ लें। इसे लो फॅट दूध का प्रयोग कर घर पर भी बनाया जा सकता है।

लो फॅट दही, कम वसा वाले दही के उपयोग रसोई में (uses of low fat dahi, low fat yogurt in cooking)


• शाकाहारी लो फॅट दही सेण्डविच बनाने में आसान और पौष्टिक नाश्ता है।
• दही के इस लो फॅट विकल्प का प्रयोग मुख्य खाने के साथ या रायता, सलाद के ड्रेसिंग आदि के रुप मे करें। सलाद ड्रेसिंग बनाने के लिये दही को मुलायम होने तक फेंट लें। अपनी पसंद अनुसार स्वादिष्ट पदार्थ मिलाकर डिपस् बनायें।
• फेंटे हुए लो फॅट दही मे पानी मिलाकर छाछ बनायी जा सकती है जिसका कड़ी आदि बनाने में प्रयोग किया जाता है।

लो फॅट दही, कम वसा वाले दही संग्रह करने के तरीके 


• फ्रिज में ढ़ककर रखने से इसे ४ से ५ दिन तक रखा जा सकता है। अगर बाहर से खरीदा है तो समापन कि दिनाँक जाँच लें।

लो फॅट दही, कम वसा वाले दही के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of low fat dahi, low fat yogurt in hindi)

दही पाचन में मदद करते हैं क्योंकि इसमें बहुत अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स एक हल्के रेचक के रूप में कार्य करता है और दस्त और पेचिश के मामले में, यह एक वरदान है, अगर दही चावल के साथ उपयोग किया जाता है। वे वजन कम करने में मदद करते हैं, आपके हार्ट के लिए अच्छा है और प्रतिरक्षा का निर्माण करते हैं। दही और कम फॅट वाले दही के बीच एकमात्र अंतर वसा का स्तर होता है। अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए दही के लाभों को पढ़ें।

लो-फॅट चक्का दही (hung low fat curds)
लो-फॅट चक्का दही बनाने के लिए, एक साफ सूखे सूती कपड़े में लो-फॅट दही रखकर बाँध लें और हुक में लटका दें या छन्नी में रखकर सारा पानी निकलने दें। कुछ समय बाद, कपड़े को हल्के हाथों दबाकर सारा बचा हुआ पानी निकाल लें। अब जो बचा है, वह लो-फॅट चक्का दही है, जिसका प्रयोग श्रीखंड जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है। साथ ही इसका प्रयोग पौष्टिक लो-कॅल सलाद के ड्रेसिंग बनाने के लिए भी किया जा सकता है। 1 कप लो-फॅट दही से लगभग 1/2 कप लो-फॅट चक्का दही बनता है।
खट्टा लो फॅट दही (sour low fat curds)
यह "खट्टा दही" के रूप में भी जाना जाता है। गुनगुने गर्म कम वसा वाले दूध में अधिक थोडा दही जोड़कर इसे सेट होने के बाद लंबे समय तक बाहर रखा जाता है। इसके अलावा, बचे हुए कम वसा वाले दही को 4 से 5 घंटे के लिए फ्रिज से बाहर रखकर खट्टा बनाया जा सकता है या आप रेडीमेड कम वसा वाला दही खरीद सकते हैं और इसे गर्म जगह पर 4 से 5 घंटे तक खट्टा होने के लिए रख सकते हैं। एक बार जब दही खट्टा हो जाए, तो इसे रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत करें क्योंकि इसे बाहर रखने से यह अत्यधिक खट्टा हो जाएगा और फिर खाने योग्य नहीं रहेगा।
फेंटा हुआ लो फॅट दही (whisked low fat curds)
दही को व्हिस्क करने से या फेंटनो से हवा जोड़ने के कारण वॉल्यूम बढ़ता है। एक बर्तन में दही की आवश्यक मात्रा को चम्मच से निकाल लें। एक बीटर या व्हिस्क की मदद से अच्छी तरह से फेंट लें जब तक आप एक स्मूद मिश्रण प्राप्त नहीं कर लेते। वांछित स्थिरता प्राप्त करने के लिए पानी जोड़ें।