सामा ( Sanwa millet )

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सामा क्या है?


सामा एक वार्षिक धान है जिसे इसके खाने योग्य बीज और फोरेज के लिए जापान और दक्षिणी-पूर्वी एशिया में उगाया जाता है। यह संयुक्त राज्य अमरीका में महत्वपूर्ण वन-जीव खाना है।
सामा पकने पर अकसर लाल रंग का और सख्त होता है, इसे लंबे समय तक रखने के लिए छटाँई के बाद सूखाया जाता है। विश्व के बहुत से भागो में, सामा का पारंपरिक रुप से प्रयोग खाद्य पदार्थ में और विभिन्न तरह के खाना बनाने में किया जाता है, जैसे पॉरिज, ब्रेड, कूकीस्, केक, कुसकुस और मॉलटड पेय पदार्थ।

उबले हुए सामा का प्रयोग पॉरिज बनाने के लिए किया जाता है।

चुनने का सुझाव
• दाने साफ, धूल से मुक्त और बिना किसी कीड़े या गंध के होने चाहिए।
• हो सके तो जैवोक धान ही खरीदें।

सामा के उपयोग रसोई में (uses of sanwa millet in cooking )

सान्वा भारतीय नाश्ता व्यंजनों | Sama Indian breakfast recipes in hindi |

सान्वा पान्की : इस अनोखे पान्की के व्यंजन को दो केले के पत्तों में रखकर पकाया गया है और स्वादिष्ट बनाया गया है। इस व्यंजन का हरी चटनी के साथ स्वादिष्ट मेल है।

फराली इडली साम्भर : दक्षिण भारत के मशहुर व्यंजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट फराली व्यंजन में परीवर्तित किया जा सकता है, जहाँ इडली को डाउनलोड का प्रयोग कर और उबली सब्जियों से साम्भर बनाया जा सकता है। मूँगफल्ली की चटनी के साथ परोसें।

मीठा फराली पॅनकेक 

सानवा मुख्य पाठ्यक्रम भारतीय व्यंजनों | Sanwa Main course Indian recipes in hindi |

मिन्टी सान्वा : इस सादी खिचड़ी को जब नारीयल का दूध, धनिया और पुदीना के स्वाद से बनाया गया है जो इस व्यंजन को थाई रूप की खिचड़ी में बदल देता है। इस व्यंजन को नींबू के साथ तुरंत गरमा गरम परोसें।

सामो खिचड़ी, एक फराली रेसिपी एक फराली रेसिपी, जिसे उपवास के दिनों में भी खाया जा सकता है, जल्दी से सभी सामग्री को एक साथ भूनकर और उन्हें १० मिनट से कम समय तक पकाने के द्वारा बनाया गया है! समा (सानवा बाजरा), मूंगफली, हरी मिर्च, अदरक और घी से बना यह सामो खिचड़ी बनाने में सरल है।



• सामा के आटे से अकसर रोटी या चपाती बनाकर सब्ज़ी के साथ परोसा जाता है।
• सामा में ग्लूटेन नहीं होता और इसलिए इसका पॉरिज बनाकर अकसर अन्य खाने के साथ परोसा जाता है।
• इसके दानेों का स्वाद अकसर सादा होता है और कभी-कभी मिठा। इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन में किया जा सकता है, क्योंकि टोफू की तरह, यह भी स्वाद आसानी से अपना लेता है।
• इंसे सादा भी खाया जा सकता है।
• सामा का प्रयोग पॅनकेक या वड़ा बनाने में कियस जाता है, जिसे हरी चटनी या दहीं के साथ परोसा जा सकता है।

संग्रह करने के तरीके
सामा को हवा बंद डब्बे में रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

स्वास्थ्य विषयक
सामा (Benefits of Sanwa Millet, Sama in Hindi): बाजरा और ज्वार की तरह, सामा भी प्रोटीन में उच्च होता है। इसके अलावा, ज्वार, बाजरा, रागी जैसे अन्य कडधान्य की तुलना में सामा में सबसे कम कैलोरी और कार्ब्स होते हैं। फाइबर, फास्फोरस और मैग्नीशियम की एक अच्छी मात्रा के साथ, हृदय रोगियों के लिए सामा के सेवन कोटालने का कोई कारण नहीं है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्तचाप दोनों को ही काबू में रखेगा। मधुमेह रोगियों को यह कम मात्रा में ही खाना चाहिए। सामा के विस्तृत लाभ पढें।


सामा को अकसर उसके उपरी धान के साथ खाया जाता है, जिसमें अधिकत पौषण तत्व होते हैं।
• यह पेड़ रेशांक और लौह से भरपुर होता है, साथ ही उच्च मात्रा में प्रोटीन। यह इसे खद्य स्टार्च के लिए उपयुक्त बनाता है।
• सामा ऑक्सीकरणरोधी से भरपुर होता है और इसके सभी विकल्प ग्लूटेन मुक्त होते हैं, जो इसे गेहूँ के प्रति संवेदशील के लिए एक बेहतर विकल्प बनाता है।