2. अचारी दही भिन्डी में बीजों और मसालों के पाउडर का विस्तृत वर्गीकरण है, जो इसे एक सुपर पेपी स्वाद और सुगंध भी देते हैं।
4. त्वरित गाजर और शिमला मिर्च का अचार, गाजर और शिमला मिर्च का अनोखा अचार में बहुत ही स्वादिष्ट होता है, जो कि एक मसाला मिश्रण के कारण होता है, जो बीजों और मसालों से मिलाता है।
इसका शानदार आकार और काला रंग कलौंजी को सजावट के लिए मशहुर मसाला बनाता है जिसका प्रयोग ब्रेड (जैसे नान), नमकीन बिस्कुट या पेस्ट्रि पर छिड़कने के लिए और साथ ही सलाद पर छिड़कने के लिए किया जाता है।
• ज़ीरा या सौंफ के साथ सरसों का तड़का चावल के साथ बेहतरीन तरह जजता है।
• यह मेवेदार होता है और इसका स्वाद काली मिर्च जैसा होता है जो किसी भी प्रकार की करी या स्ट्यू और/या दाल को स्वाद प्रदान करता है। कलौंजी को सूखा भुना जा सकता है या इस प्रकार के व्यंजन में तड़का लगाया जा सकता है।
• कलौंजी, बंगाली 5 स्पाईस मसाला मिश्रण का ज़रुरी भाग होता है, जिसे पन्च फोरन या पन्च फोरा कहते हैं और इसका प्रयोग दाल, हरे पत्तेदार सब्ज़ीयों या अन्य सब्ज़ीयों में किया जाता है।
• भुनी हुई कलौंजी को खट्टे अचार में डाला जा सकता है, जिससे यह स्वाद को संतुलित रखने में मदद करता है और पाचन स्वस्थ रखने में मदद करता है।
संग्रह करने के तरीके
• कलौंजी को हवा बद डब्बे में रखकर नमी से दूर रखना चाहिए।
• बेहतर है कि आप इसे कम से कम मात्रा में खरीदें जिससे इसका स्वाद और खुशबु बना रहे।
स्वास्थ्य विषयक
• काले बीज में निगैला और मेलाटिन होते हैं, यह दो सामग्री ऐसी है जो कलौंजी को चिकित्सक गुण प्रदान करते हैं। यह पदार्थ साथ काम कर पाचन स्वस्थ रखने में और शरीर को साफ रखने में मदद करते हैं।
• साथ ही कलौंजी साँस संबंदित बिमारीयों से लड़ने में मदद करते हैं।
• साथ ही यह ऐन्टीहिस्टमीन कि तरह काम करते हैं, जो एलर्जी के नाकारात्मक असर को कम करने में मदद करते हैं।
• साथ ही यह तेज़ ऑक्सीकरण रोधी हैं जो शरीर से ज़हरीले पदार्थ निकालने में मदद करते हैँ।
• कलौंजी भरपुर मात्रा में पोलीअनसैच्यूरेटड फॅटी एसिड प्रदान करते हैं, जो स्वास्थ में मुख्य भाग निभाते हैं। साथ ही यह रस प्रक्रिया को संतुलित रखने में, इन्सुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में, कलेस्ट्रॉल कम करने में, शरीर में बहाव को संतुलित रखने में और स्वस्थ लीवर रखने में मदद करते हैं।
• 1 टी-स्पून कलौंजी को उबलते पानी में डालकर इसकी भाँप को दिन में दो बार लें। ऐसा करने से बन्द नांक से आराम मिलता है।
• उल्टीयाँ कम करने के लिए, 1/2 टी-स्पून ताज़े अदरक के रस में बराबर मात्रा में कलौंजी डालकर, दिन में 2 बार पीने से आराम मिलता है।
• पेट में किड़ो से आराम प्राप्त करने के लिए, 1 टी-स्पून विनेगर को 1/2 टी-स्पून कलौंजी के साथ मिलाकर, दिन में 2 बार, खाने से पहले 10 दिनों तक लें, और इस दौरान मीठे का सेवन ना करें।