• उड़द को ढ़के हुए बर्तन या प्रैशर कुकर में प्याज़, अदरक, लहसुन और मसालों के साथ पकाया जा सकता है।
• साबूत उड़द को पीसकर घोल बनाया जा सकता है, जिसका प्रयोग इडली, वड़ा और पापड़ बनाने के लिए किया जाता है।
• इसका प्रयोग पंजाबी पाकशैली में किया जाता है, जहाँ इससे साबीत माश या मिनुमुलु बनाया जाता है।
उड़द संग्रह करने के तरीके
• सूखे हवा बंद डब्बे में, सूर्य की किरणों से दूर रखें।
उड़द के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of urad, whole black lentil in hindi)
• किसी भी अन्य साबूत दाल या दाल की तरह, यह प्रोटीन और खाद्य रेशांक का अच्छा स्रोत है।
• इसमें वसा की मात्रा कम और यह बी-कॉम्प्लेक्स विटामीन, कॅलशियम और पौटॅशियम से भरपुर होता है।
उबली हुई उड़द (boiled urad)
उड़द को पकाने के लिए, आप इसे पानी के साथ ढ़के हुए बर्तन में पका सकते है। प्रति 1 कप उड़द के लिए 2 कप पानी का प्रयोग करें। उड़द को हमेशा ढ़ककर पकाऐं। इस तरह पकाने से, यह जल्दी पकती है, ऊर्जा कम उपयोग होती है साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा से विटामीन बने रहते हैं। उड़द के पकने पर, पानी गाढ़ा हो जएगा और दाल अलग हो जाएगी। आप उड़द को नमक से साथ या नमक के बिना भी प्रैशर कुकर में उबलते पानी में 7-10 मिनट तक पका सकते हैं। पकने के बाद इसमें अपनी पसंद और व्यंजन अनुसार सब्ज़ीयाँ, मसाले या उबले हुए चावल भी मिला सकते हैं।
भिगोई हुई उड़द (soaked urad)
उड़द को भिगोने के लिए, पहले अच्छी तरह से धो लें और किसी भी प्रकार के पत्थर को निकालकर गुनगुने पानी में भिगो दें। बीनस् को भिगोने या पकाने के समय, समय-समय पर पानी बदलना ज़रुरी होता है। पानी निकालने से अपच करने वाले शक्करा को निकालने में आसानी होती हे, जिससे आंत में गैस नहीं बनती। भिगोने से बीनस् को अच्छी तरह पकाया जा सकता है। भिगोने से इसके पौषण तत्व कम भी नहीं होते और पकाने में भी आसानी होती है।