दूध ( Milk )

दूध, भैंस का दूध क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | दूध वाली रेसिपी | Viewed 71770 times

अन्य नाम
फूल फॅट दूध, फूल क्रीम दूध, भैंस का दूध

दूध क्या है? What is milk, full fat milk, buffalo milk, doodh, full cream milk, in Hindi?


दूध को अक्सर संपूर्ण आहार कहा जाता है क्योंकि यह कॅलशियम और अन्य पोषण तत्व, जो किसी भी उम्र में शरीर के विकास, रखरखाव और वृद्धी के लिये ज़रुरी होते है। गाढ़ा मलाईदार और चिकने रुप वाले ताज़े दूध में किसी भी प्रकार का रंगीन पदार्थ या प्रिज़रवेटीव नही होते। गाय के दूध कि तुलना में, भैंस का दूध गाढ़ा, मलाईदार और झागदार होने के अलावा, उसमें अधिक मात्रा मे ह्वे प्रोटीन, मिनरल और विटामीन ए होता है। गाय के दूध के विपरीत, जिसका हल्का पीला रंग होता है, भैंस के दूध का सफेद रंग होता है। वसा आधारित पदार्थ जैसे मक्ख़न और घी भैंस के दूध से बनते है क्योंकि उसमे पानी की मात्रा कम और वसा कि मात्रा ज़्यादा होती है। बाज़ार में दोनो प्रकार के दूध, ताज़े या पाश्चरीकृत कर काँच कि बोतल, टैट्रा पैक, प्लास्टिक बैग में डाल या खुला भी मिलते है।

दूध चुनने का सुझाव (suggestions to choose milk, full fat milk, buffalo milk, full cream milk, doodh)


• बाज़ार में दो प्रकार के दूध मिलते है, एक जो बिना पाश्चरीकृत किया हुआ, ताज़ा निकालकर, दूध वाले के द्वारे घर पर पहुँचाया जाता है और दुसरा परिष्कृत दूध जो दुकानों पर मिलता है।
• अक्सर परिष्कृत दूध को चुना जाता है क्योंकि अपरिष्कृत दूध में कुछ जीवाणू हो सकते है जो संग्रह करते समय या गाय से दूध निकालते समय बन सकते है।
• परिष्कृत करने का मतलब है, पाश्चरीकृत करना, माईक्रोफ्लोरीनेशन, क्रीमिन्ग और होमोजीनाईज़ेशन। यह जीवाणू को मारने मे मदद करते है और वसा के कणों कि एकंद्रित कर दूध कि अवधि बढ़ाने में मदद करते है।
• गोकुल, वारना, नेस्टले, अमुल एैसे कुछ नाम है जिनके अंतरगत बाज़ार में दूध आसानी मिलता है।
• पैकेट मे दी गई समापन कि दिनाँक ज़रुर पढ़ लें।

दूध के उपयोग रसोई में (uses of milk, full fat milk, buffalo milk, full cream milk, doodh in Indian cooking)


• दुग्ध पदार्थ कि प्रतिभा उच्च है। आईस-क्रीम, दही, मलाई, मक्ख़न, छाछ, चीज़, पनीर, मावा और भी कई दुग्ध पदार्थ, जिसमे लो फॅट, नॉन फॅट या स्कीम्ड विकल्प भी शामिल है, इन सभि का मूल आधार दूध है।
• मिल्कशेक, कॉफी और चाय कुछ एैसे पेय है जो दूध के बिना नही बन सकते।
• ब्रेकफास्ट सिरीयम, म्यूसली, ओट्स और दूध एक अच्छा नाश्ता बनाते है।
• शीरा, हल्वा आदि जैसी मीठाई बनाने में।
• चॉकलेट आधारित डेज़र्ट बनाने के लिये।
• व्हाईट सॉस और पास्ता बनाने के लिये।

दूध संग्रह करने के तरीके 


• दूध को सामान्य तापमान पर रखा जाये तो वह जीवाण्विक उपज के योग्य हो जाता है।
• दूध जितना ठंडा रहेगा उतने ही लंबे समय तक रखा जा सकता है।
• इसलिये, दूध को फ्रिज में ४०° फॅरनहाईट में रखने से अनचाहे जीवाणू कि उपज रोकि जा सकती है।
• अगर आप कार्टन वाला दूध चुनते है तो याद रखें कि उसकि ६ महीने कि समापन होती है। खोलने के बाद उसका प्रयोग ४ महीने के अंदर कर लें और फ्रिज में हि रखें।
• कम से कम एक महीने तक संग्रह करने के लिये डीप फ्रिज़र या कोल्ड स्टोरेज में भी रखा जा सकता है।

दूध के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of milk, full fat milk, buffalo milk, full cream milk, doodh in Hindi)

1 कप दूध अनुशंसित दैनिक भत्ता का 70% कैल्शियम प्रदान करता है। दूध मजबूत हड्डियों को बढ़ावा देता है। दूध में मौजूद कैल्शियम आपके दांतों को मसूड़ों की बीमारी से बचाने में मदद करता है और आपके जबड़े की हड्डी को मजबूत और स्वस्थ रखता है। दूध कार्ब्स में कम है और इसलिए रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता नहीं है। हालांकि मधुमेह रोगियों को कम वसा वाले दूध का सेवन अपने आहार विशेषज्ञ के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार लेना चाहिए, ताकि रक्त शर्करा के स्तर में किसी भी उतार-चढ़ाव से बचा जा सके। प्रोटीन एक और महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो दूध में समृद्ध है - एक कप में 8.6 ग्राम। इसलिए प्रोटीन का स्तर बढ़ाने के लिए इच्छुक सभी लोग दूध और इसके उत्पादों जैसे दही और पनीर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। एक कप दूध 10 ग्राम कार्ब्स देता है। कम वसा वाले दूध में केवल वसा कम होती है, बाकी दूध के समान लाभ होते हैं।