विस्तृत फोटो के साथ मेदु वड़ा रेसिपी
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घोल को बहुत लंबे समय तक न पीसें क्योंकि यह घोल को एक पेस्ट की तरह बना देगा और परिणामस्वरूप चक्की गरम हो जाएगी और कडक वड़ा बनेगा। इसे कुछ सेकंड के लिए पीसें, बंद करें और फिर इसे कुछ सेकंड के लिए फिर से पीस लें। घोल को पीसने के लिए इस विधि का पालन करें।
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प्रेफ्रब्ली, मेदु वड़ा के घोल को पीसते समय ठंडे पानी का उपयोग करें।
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यदि आपके पास प्रामाणिक पीसने वाला पत्थर या गीला चक्की है, तो आप पारंपरिक तौर पर घोल को मंथन कर सकते हैं।
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घोल ग्राउंड होने के बाद, वड़ा तुरंत तैयार करें और इसे किण्वन न आने दें।
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अगर आप कुछ समय के बाद वड़ा तैयार कर रहे हैं तो घोल में नमक न डालें। यदि आप लंबे समय तक रखते हैं तो नमक घोल को पानीदार बना देता है। तो, मेदु वड़ा तैयार करने से ठीक पहले नमक डालें।
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पीसने के बाद, एक दिशा में ८ से १० मिनट के लिए अपने हाथ का उपयोग करके मेदु वड़ा के घोल को बीट करें। इस प्रक्रिया में वायु शामिल होती है जो वडा को हल्का और फुज्जीदार बनाता है। यह जाँचने के लिए कि घोल पर्याप्त रूप से फुज्जीदार हुआ है या नहीं, पानी से भरे कटोरे में घोल के एक हिस्से को गिरा दें और यदि वह सतह पर तैरता है तो इसका मतलब है कि घोल पूरी तरह से फुज्जीदार है। इसके अलावा, यदि आप कटोरे को उल्टा करते हैं, तो घोल गिर नहीं सकता है, तो यह दिखाता है कि यह घोल अच्छी तरह से बन गया है।
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यदि घोल बहुत पतला है और आकार धारण नहीं कर रहा है तो कुछ टेबल-स्पून चावल का आटा या सूजी डालें। इससे घोल गाढ़ा हो जाएगा और वड़ा भी कुरकुरा हो जाएगा।
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यदि आप एक नौसिखिया हैं और अपनी हथेली पर वड़ा को आकार देना मुश्किल हो रहा है, तो आप वड़े को आकार देने के लिए एक चीकनी प्लास्टिक शीट या केले के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं। वड़ा के एक हिस्से को उस पर रखें, एक गोल आकार दें और वड़ा के केंद्र में एक छेद बनाएं। वड़ा को प्लास्टिक शीट से गीली हथेली में धीरे से लें, इसे तेल में डालें और डीप फ्राई करें।
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मेदु वड़ा का घोल बनाने के लिए, उड़द दाल को २ से ३ बार पानी में धो कर साफ करें। इसे कम से कम २ घंटे के लिए पर्याप्त पानी में भिगोएं। यदि आप कम समय के लिए भिगोते हैं, तो मेदु वड़ा कडक हो जाएगा। उड़द दाल के लिए २ से ३ घंटे भिगोना आदर्श है। उससे अधिक या रात भर भिगोने की आवश्यकता नहीं होती है और दाल को अनावश्यक रूप से अधिक पानी सोखने का कारण बनता है। ढक्कन से ढक कर एक तरफ रखें।
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उड़द की दाल को छान लें। उड़द की दाल लगभग दोगुनी और नरम हो जाएगी।
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भीगी हुई उड़द दाल को मिक्सर जार में डालें।
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हरी मिर्च डालें।
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काली मिर्च डालें।
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कड़ी पत्ता डालें।
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अदरक डालें।
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लगभग १/२ कप पानी डालें।
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मिश्रण को एक स्मूथ घोल बनने तक पीस लें, बहुत ज्यादा पानी न डालें, क्योंकी घोल को पीसने से समय पानी निकलेगा और फिर मेदु वड़ा को आकार देना मुश्किल होगा।
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एक बार घोल तैयार होने के बाद, उसे एक कटोरे में डालें। मेदु वड़ा के घोल में गाढ़ी स्थिरता होनी चाहिए और वह कुछ इस तरह दिखेगा।
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प्याज डालें, यह वैकल्पिक है लेकिन इसे स्वाद के रूप में जोड़ना बेहतर है।
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नमक डालें और एक चम्मच का उपयोग करके मिलाएं।
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उड़द दाल वड़ा के मिश्रण को १४ बराबर भागों में विभाजित करें। एक तरफ रख दें।
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अपना हाथ को गीला करें। अपने हाथों को पानी में डुबोनेसे मेदु वड़ा को अच्छी तरह से आकार देने में मदद मिलती है।
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अपने हाथ में मेदु वड़ा मिश्रण का एक भाग लें।
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इसे धीरे से दबाएं और मोटा गोल आकार का वड़ा बनाएं। अपने अंगूठे से केंद्र में एक छेद बनाएं।
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दक्षिण-भारतीय मेदु वड़ा तलने के लिए, एक कढ़ाही में तेल गरम करें। अपने हाथ को ऊपर उठाएं और तेल में मेदु वड़ा को बहुत सावधानी से गिराएं।
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एक बार में ३ से ४ मेदु वड़ा को तल लें।
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मध्यम आंच पर दोनों तरफ से गोल्डन ब्राउन होने तक उड़द दाल वड़ा को पलटें और पकाएं। तेज आंच पर तले नहीं वरना आपको सुनहरा रंग देंगा लेकिन वे अंदर से कच्चा होंगा और घीमी आंच पर नहीं तले वरना वे बहुत सारा तेल को अवशोषित करेंगे। एक तेल सोखने वाले कागज़ पर निकाल लें।
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अधिक मेदु वड़ा बनाने के लिए शेष घोल के साथ दोहराएं।
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फ्राईड कोकोनट चटनी और साम्भर के साथ होटल स्टाइल मेदु वड़ा को गरम परोसें।
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हमारी वेबसाइट में कई और पारंपरिक वड़ा रेसिपी हैं जिनका आनंद शाम के नाश्ते या नाश्ते के रूप में लिया जा सकता है।