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वर्णन
बास्मति चावल ओरियेन्टल चावल का एक प्रकार है जिसके दाने लंबे और पतले होते है। सबसे बेहतरीन बास्मति चावल कि आकर्षक खुशबु, लंबे पतले दाने और नटी स्वाद होता है।
बास्मति का उपकरण कर इसका अर्थ होता है "खुशबु कि रानी"। इसे विश्व भर मर बेहतरीन चावल माना जाता है जो सालों से भारत के बाहर के देशों में मे भेजा जाता है। वास्तविक रुप से बास्मति उत्तर भारत के हिमालय के पहाड़ो से उत्तपन्न किया जाता है। हालाँकि बास्मति चावल भारत और पाकिस्तान से भेजा जाता है, भारतीय बास्मति चावल सबसे बेहतरीन माना जाता है।
बास्मति चावल का रंग पार्दर्शी, मलाईदाल सफेद होता है। बाज़ार मे भूरे बास्मति चावल भी मिलते है, लेकिन अधिक्तर सफेद बास्मति चावल का प्रयोग किया जाता है। इसके दाने लंबे (6.61-7.75 मिली मिटर) या बहुत ही लंबे (7.50 मिली मिटर से भी ज़्यादा और 2 मिली मिटर चौड़े)। लंबाई से चौड़ाई कि तुलना भी बास्मति चावल कि पहचान बनती है। यह 3.0 से ज़्यादा होना चाहिए। इन सब के अलावा, दाने उपयुक्य पुराने होने चाहिए जिनमे नमी कि मात्रा भी कम हो जिससे बास्मति को बेहतरीन खुशबु प्रदान होती है।
बास्मति चावल के दाने अक्सर सूखे और अलग-अलग होते है। पकाने के बाद, चावल नरम हो जाते है लेकिन वह चिपकते और टुटते नही है। पकाने पर चावल के दाने दो गुना और लंबे हो जाते है और ज़्यादा चपटे नही होते। इसकि खुशबु भी ज़्यादा तेज़ हो जाती है।
भारत मे बास्मति चावल के बहुत से विकल्प मिलते है, जिसमे से कुछ नकली भी होते है। लेकिन बिना अनुभव के नकली और असली बास्मति चावल के बिछ अंतर समझा असंभव है।
टुकड़ा बास्मति चावल (broken long grain rice)
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भिगोए और पकाऐ हुए बास्मति चावल (soaked and cooked long grain rice)
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चावल को 20-30 मिनट भिगोना ज़रुरी होता है। इसके बाद पकाने के लिये, पानी छानकर चावल का दो गुना पानी डालें। इसे प्रैशर कुकर या पॅन में भी पकाया जा सकता है। इसमे 3-4 गुना पानी डालकर पॅन में भी पकाया जा सकता है और पकाने के बाद बचा हुआ पानी फेंक देना चाहिए। चावल को हमेशा थोड़ा कम पाकान चाहोए जिससे चावल के दाने अलग-अलग और सफेद बने रहते हैं। पके हुए चावल के दाने को अपने अंगुठे से दबाकर देखें। अगर नह आसानी से मसल जाये तो समझीये कि चावल पक गये है।
भिगोऐ हुए बास्मति चावल (soaked long grain rice)
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चावल को पकाने से पहले भिगोने से पके हुए चावल को बेहतरीन रुप मिलता है और पकाने का समय भी कम हो जाता है। चावल को पानी से 3-4 बार धो लें। चावल को कम से कम दो हुने पानी मे भिगोकर 20-30 मिनट रख दें। सारा पानी छानकर ज़रुरत अनुसार प्रयोग करें।
चुनने का सुझाव
• बाज़ार में बास्मति चावल पहले से पैक किया हुआ या खुला भी मिलता है।
• पैकेट वाले बास्मति चावल खरीदते समय समापन कि दिनाँक जाँच लें क्योंकि बास्मति चावल मे प्रकृतिक तेल होने के कारण वह जल्दी खराब हो सकते है।
• अन्य किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ कि तरह, बास्मति चावल खुला खरीदने पर इस बात का ध्यान रखें कि जिस डब्बे मे चावल रखा हो, वह बंद हो और वह दुकान भरोसेमंद हो।
• चाहे पैकेट या खुला खरीदें, ध्यान रखें कि चावल मे किसी भी प्रकार के पत्थर, कंकड़ या कीड़े ना लगे हो।
रसोई मे उपयोग
• पकाने के बाद चावल के दाने फूले हुऐ औे एक दुसरे से चिपकते नही है।
• बास्मति चावल को पकाने के कुछ बेहतरीन तरीके है- स्टीमिंग, उबालना और बेक करना, जहाँ चावल का प्रयोग पुलाव, सलाद और विभिन्न प्रकार के पके हुए व्यंजन में किया जा सकता है।
• बास्मति चावल सॉस और करी के साथ बेहतरीन तरीके से जजता है।
• यह बिरयानी और पुलाव के लिये उपयुक्त है।
• खीर, मिठा केसरी पुलाव और फिरनी भी इससे बनायी जा सकती है।
• पके हुए चावल को दुध या सोया मिल्क के साथ गरम करें। दालचीनी, किशमिश और शहद डालकर स्वादिष्ट पुडिंग बनायें।
• बचे हुए चावल का प्रयोग कर ठंडा चावल आधारित सलाद बनायें जो झट-पट दोपहर के खाने के लिये उपयुक्त है।
• एक आसान और स्वादिष्ट खाने के लिये, चावल और बीन्स को अपनी पसंद कि सब्ज़ी के साथ परोसें।
• बास्मति चावल मे अपनी पसंद के टॉपिंग जैसे सूखे मेवे, तिल और पौष्टिक भूने हुए कुम्भ भी डालकर बना सकते है।
• बास्मति चावल और कटी हुई सब्ज़ीयों को पिटा ब्रैड मे रखें और अपनी पसंद कि ड्रैसिंग उपर डालकर एक आसान और झट-पट दोपहर का खाना बनायें।
संग्रह करने के तरीके
• चावल मे कुछ मात्रा मे वसा होता है इसलिये यह थोड़े जल्दि खराब हो जाते है।
• इसे हवा बंद डब्बे मे रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें लेकिन फ्रिज मे ना रखें।
स्वास्थ्य विषयक
• चावल कार्बोहाईड्रेट का बेहतरीन स्तोत्र है, जो पचने पर व्यायाम के लिये ग्लुकोस और ऊर्जा प्रदान करते है और मस्तिष्क के लिये ज़रुरी ऊर्जा होता है।
• चावल मे ना वसा होता है, ना कलेस्ट्रॉल और सोडीयम भी नही होता। इसलिये यह संतुलित आहार के लिये बेहतरीन खाद्य पदार्थ है।
• यह विटामीन और मिनरल जैसे थायामीन, नायासिन, राईबोफ्लेविन, विटामीन डी और कॅलशियम का अच्छा स्तोत्र है।
• सभी प्रकार के चावल ग्लुटन मुक्त होते है, जो इन्हे ग्लुटन सूक्ष्म व्ययक्ति के लिये लाभदायक होता है।
• चावल मे एैसा स्टार्च होता है जो खाने के बाद पेट मे ही रहता है। इस प्रकार का स्टार्च स्वस्थ किटाणु को बढ़ने मे मदद करते है जो आंत के स्वास्थ के लिये लाभदायक होता है।
• उच्च रक्तचाप से पीड़ित के लिये चावल कम सोडियम वाला खाद्य पदार्थ है।
• यह प्रोटीन का अच्छा स्तोत्र है जो सभी ज़रुरी 8 अमिनो एसिड प्रदान करता है।
• चावल पुरी तरह से नॉन एलर्जिक होता है। यह अपच औे पेट संबंधित तकलीफ के लिये लाभदायक होता है।
• बच्चों मे दस्त का यह एक अच्छा ईलाज है क्योंकि इसमे रेशांक कि मात्रा कम होती है और यह पेट को आराम पहुँचाता है।