विस्तृत फोटो के साथ अलसी के शक्करपारे रेसिपी
-
अगर आपको अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में पसंद है, फिर भारतीय बेक्ड स्नैक्स और हमारे पसंदीदा कुछ व्यंजनों का हमारा संग्रह देखें:
-
फ्लैक्स सीड्स क्रैकर्स भारत में सस्ते और आसानी से उपलब्ध सामग्री से बनाए जाते हैं जैसे 1/4 कप दरदरा अलसी का दरदरा पाउडर, १ कप गेहूँ का आटा, १ टेबल-स्पून जैतून का तेल, १ टेबल-स्पून सूखे मिले जूले हर्ब्स्, १ टी-स्पून सूखी लाल मिर्ची के फ्लेक्स् और नमक , स्वादानुसार। अलसी केबिस्किट की सामग्री की सूची की छवि नीचे देखें।
-
एक कटोरे में 1/4 कप + 2 टेबल-स्पून दरदरा अलसी का दरदरा पाउडर डालें।
-
१ कप गेहूँ का आटा डालें।
-
१ टेबल-स्पून जैतून का तेल डालें।
-
१ टेबल-स्पून सूखे मिले जूले हर्ब्स् डाले।
-
१ टी-स्पून सूखी लाल मिर्ची के फ्लेक्स् डालें।
-
स्वादानुसार नमक डालें। हमने 1/2 टी-स्पून नमक डाला है।
-
आटा गूंथने के लिये 1/4 कप पानी मिलाएं। हमने बाद में 3 टेबल-स्पून पानी और मिलाया।
-
सख्त आटा गूथ लीजिये।
-
ढक्कन से ढककर 15 मिनट के लिए अलग रख दें।
-
आटे को 2 बराबर भागों में बाँट लीजिये।
-
आटे को चपटा करें और उस पर थोड़ा सा आटा छिड़कें।
-
एक भाग को 225 मि.मी. (9”) व्यास के गोल आकार में बिना किसी आटे का उपयोग किए बेल लें।
-
चाकू से आटे पर खड़ी रेखाएँ काटें।
-
फिर हीरे के आकार के क्रैकर बनाने के लिए फिर से काटें। आप क्रैकर को अपनी इच्छानुसार किसी भी तरह से काट सकते हैं।
-
इसे कांटे से हल्का सा प्रीक करें।
-
अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में बनाने के लिए सभी कच्चे बेले हुए शकरपारे को बेकिंग ट्रे पर रखें।
-
हले से गरम ओवन में 180°c (360°f) पर 15 से 20 मिनट तक या दोनों तरफ से हल्के भूरे और कुरकुरा होने तक बेक करें।
-
5 मिनिट बाद ट्रे को ओवन से निकाल लें।
-
चिमटे से क्रैकर को पलटें।
-
ट्रे को वापस ओवन में रखें और 5 मिनट तक बेक करें। चिमटे से क्रैकर को दोबारा पलटें।
-
आखिरी 5 मिनट के लिए बेक करें। क्रैकर ऐसे दिखते हैं।
-
थोड़ा ठंडा होने के लिए अलग रख दें।
-
अलसी के शक्करपारे रेसिपी | भारतीय अलसी के क्रैकर | अलसी बिस्किट | स्वस्थ अलसी का नाश्ता | अलसी के शक्करपारे रेसिपी हिंदी में तैयार हैं।
-
नुस्खा में बताए अनुसार आटा गूंधते समय सुनिश्चित करें कि आटा सख्त हो।
-
आटे को पतला बेल लीजिये ताकि बेकिंग जल्दी हो जाये और अच्छी तरह पक भी जाये।
-
अलसी के शकरपारा एक एयर-टाइट कंटेनर में 7 दिनों तक ताज़ा रहेंगे।
-
आटे को कांटे से हल्का सा प्रीक करें।
-
अगर आपको लगता है कि शकरपारा अच्छी तरह से नहीं पका है, तो आप इस पर थोड़ा तेल लगाकर 5 से 7 मिनट तक दोबारा बेक कर सकते हैं।
-
अलसी के बीज ऐसे दिखते हैं।
-
एक ब्लेंडर में अलसी के बीज डालें।
-
दरदरा होने तक ब्लेंड करें।
-
दरदरा पीसा हुआ अलसी का पाउडर।
-
अलसी के शकरपारा में फॉस्फोरस, विटामिन बी1 (थियामिन), मैग्नीशियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो अवरोही क्रम (उच्चतम से निम्नतम) में दिया गया है। अलसी के बीज का शकरपारा 25 बिस्कुट बनाता है, 5 मात्रा बनाता है।
- फॉस्फोरस : फॉस्फोरस हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। आरडीए का 31%।
- विटामिन बी1 : विटामिन बी1 तंत्रिकाओं की रक्षा करता है, कार्बोहाइड्रेट चयापचय में मदद करता है, हृदय रोगों को रोकता है और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। आरडीए का 26%।
- मैग्नीशियम (Magnesium): हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम और पोटेशियम के चयापचय में भी यह मदद करता है। मैग्नीशियम से भरपूर भारतीय खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, ब्रोकोली, काले), दालें (राजमा, चवली, मूंग), मेवे (अखरोट, बादाम), अनाज (ज्वार, बाजरा, साबुत गेहूं का आटा, दलिया)। 26 % of RDA.
- फाइबर ( Fibre) : फाइबर हृदय रोग के जोखिम को कम करता है, रक्त शर्करा के स्तर में तुरंत बढावे को रोकता है और इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए फायदेकारक है। फल, सब्जियां, मूंग, ओट्स, मटकी, साबुत अनाज का सेवन करें। 22 % of RDA.