रागी का आटा ( Ragi flour )

रागी का आटा, नाचनी का आटा क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | रेसिपी | Viewed 335537 times

रागी का आटा, नाचनी का आटा क्या है? What is ragi flour, nachni flour, nachni ka atta, red millet flour in Hindi?


रागी एक वार्षिक पेड़ है जो अनाज के रुप में अफरिका और एशिया के जगहों पर भरपुर मात्रा में उगाया जाता है। भारत में, रागी मुख्य रुप से कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडू, महाराष्ट्र और गोवा में उगाया और प्रयोग किया जाता है। अनज के रुप में और छटाई के बाद भी रागी अच्छी तरह से रखा जा सकता है और इसमें जल्दी से कीड़े नहीं लगते। इससे इसे संग्रह करने के लिए रसायनिक कीटनाषक प्रयोग करने की आवश्यक्ता नहीं होती। यह प्रोटीन, लौह, कॅलशियम और रेशांक का एक किफायती स्रोत है, जो बहुत से जगहों में चुना जाता है। खसतौर पर यह अमिनोएसिड मिथीयोनाईन का बेहतरीन स्रोत है।

रागी के पुरे दाने को अअटे में पीसा जा सकता है या पीसने से पहले छाँटकर बारीक पदार्थ या आटे में बनाया जा सकता है, जिसका विभिन्न पारंपरिक खाने में प्रयोग किया जा सकता है। आटा बारीक या दरदरा पीसा जा सकता है, जो अलग-अलग ज़रुरत और व्यंजन की ज़रुरत पर निर्भर करता है।

रागी का आटा, नाचनी का आटा चुनने का सुझाव (suggestions to choose ragi flour, nachni flour, nachni ka atta, red millet flour)


• रागी का आटा विभिन्न आकार के पेकेट में किराने की दुकानों में आसानी से मिलता है।
• रागी का आटा साफ, धूल से मुक्त और बिना किसी कीड़े या गंध के होना चाहिए।

रागी का आटा, नाचनी का आटा के उपयोग रसोई में (uses of ragi flour, nachni flour, nachni ka atta, red millet flour in Indian cooking)

1. नाचनी डोसा 


रागी के आटे का प्रयोग अकसर चपाती या रोटी बनाने के लिए किया जाता है जिसे सब्ज़ीयों के साथ परोसा जाता है। यह ग्लूटेन के प्रति संबेदशील के लिए उपयुक्त है।
• रागी के आटे का प्रयोग पॉरिज बनाने के लिए किया जाता है। रागी के आटे को पानी में अच्छी तरह पकाया जाता है और छाछ और नमक या दुध और शक्कर डालकर मिलाया जाता है।
• रागी पॉरिज या गाढ़े पॉरिज को फल, सूखे मेवे के साथ मिलाकर पौष्टिक नाश्ता बनाया जा सकता है।
• रागी के आटे से स्वादिष्ट डोसे बनाये जा सकते हैं, जिसे नारीयल की चटनी, साम्भर आदि के साथ परोसा जा सकता है, या अपने आप में ही मक्ख़न या घी के साथ परोसा जा सकता है। आप इस रोटी में कटे हुए प्याज़, कसे हुए गाजर, हरी मिर्च, अदरक, धनिया आदि मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।
• रागी के आटे से फ्लेट ब्रेड, मोटे या पतले डोसे, पॅनकेक आदि भी बनाये जा सकते हैं।
• आप पके हुए रागी के आटे को दुध और शक्कर या गुड़ के साथ मिलाकर स्वादिष्ट खीर बना सकते हैं, जिसे आप इलायची पाउडर, बादाम के कतरन और काजू से सजा सकते हैं।
• माल्टड रागी से बने आटे को दुध या दही के साथ मिलाकर शक्कर या नमक के साथ खाया जा सकता है।
• कर्नाटक में, रागी का आटा अकसर रागी बॉलस् (रागी मूडल) के रुप में खाया जाता है। मुड्डे, जिन्हें रागी के आटे को पानी के साथ पकाकर आटा गूंथा जाता है और बॉल बनाकर ज़रुरत अनुसार आकार में बनाकर घी, रसम, साम्भर, दाल या अन्य खाने के साथ परोसा जा सकता है।
• महाराष्ट्र में, रागी के आटे का प्रयोग कर एक प्रकार का फ्लॅट ब्रेड, भाकरी बनाया जाता है।
• गोवा में, रागी के आटे से बना मशहुर सातवा, पोल (डोसा), भाकरी, अम्बील (एक खट्टा पॉरिज) आम है।

रागी का आटा, नाचनी का आटा संग्रह करने के तरीके 


• रागी के आटे को हवा बंद डब्बे में रखकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

रागी का आटा, नाचनी का आटा के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of ragi flour, nachni flour, nachni ka atta, red millet flour in hindi)

रागी का आटा  प्रोटीन में उच्च है और शाकाहारियों के लिए बढ़िया स्रोत है। यह लस मुक्त होने के अलावा, फाइबर युक्त है जो बदले में मधुमेह और दिल को स्वस्थ रखने के लिए अच्छा है। रागी का आटा गेहूं के आटे की तुलना में  रक्त शर्करा के स्तर में बहुत कम वृद्धि करता है। रागी मैग्नीशियम में समृद्ध है जो इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके इंसुलिन प्रतिक्रिया को बेहतर बनाता है। अपने दैनिक आहार में शामिल करने के लिए रागी के 11 लाभ पढ़े ।