खट्टे सरसों के स्वाद से भरे पानी में मूंग दाल के वड़े एक मारवाड़ी व्यंजन है। 'कांजी' या 'राई का पानी', जैसा इसका नाम है, इसे एक दिन पहले बनाकर रखा जाता है जिससे सभी सामग्री का स्वाद इसमें अच्छी तरह घुल जाए।
संपूर्ण राजस्थान में कांजी वड़ा बहुत ही मशहुर नाश्ता है। चुकंदर की कांजी भी बेहद मशहुर है जिसे खासतौर पर होली के त्यौहार में बनाया जाता है। मूंग दाल के वड़े की जगह, चुकंदर के बड़े-बड़े टुकड़ो को 'राई के पानी' या 'राई के अचार' में मेरीनॆ किया जाता है, जिससे गहरा लाल रंग मिलता है।
वड़ो के साथ भरपुर मात्रा में कांजी परोसें, जिससे वड़े के प्रत्येक टुकड़े के साथ काफी मात्रा में कांजी पी जा सके।
कांजी वड़ा - Kanji Vada, Rajasthani Kanji Vada recipe in Hindi
कांजी के लिए- सभी सामग्री को मिलाकर, मिक्सर में पीसकर मुलायम पाउडर बना लें।
- पाडउर को बाउल मे निकाल लें, 5 कप पानी डालकर अच्छी तरह मिला लें। ढ़क्कन से ढ़ककर 24 घंटो के लिए फ्रिज मे रख दें।
वड़ो के लिए- मूंग दाल को मिक्सर में डालकर, बिना पानी का प्रयोग किये, पीसकर दरदरा मिश्रण बना लें।
- अदरक-हरी मिर्च का पेस्ट, सौंफ, हींग और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- अपने हाथ गीले कर लें, अपनी हथेली में या गीली प्लास्टिक की शीट में, 11/2 टेबल-स्पून दाल का पेस्ट रखकर, 25 मिमी (1") व्यास के गोल आकार का वड़ा बना लें। गरम तेल में डालकर, मध्यम आँच पर इनके सभी तरफ से सुनहरा होने तक तल लें। एक समय में 2-3 वड़े तले जा सकते हैं।
- तेल सोखने वाले कागज़ पर निकाल लें और तले हुए वड़ो को तुरंत बाउल भर पानी में कम से कम 1 घंटे के लिए भिगो दें। छानकर, प्रत्येक वड़े को अपनी हथेली से हल्का दबाते हुए नीचोड़ लें।
- विधी क्रमांक 3 और 4 को दोहराकर और वड़े बना लें। एक तरफ रख दें।
आगे बढ़ने की विधी- वड़ो को कांजी में डालकर फ्रिज में रख दें। कम से कम 1 घंटे तक भिगने दें।
- ठंडा परोसें।
पोषक मूल्य प्रति vada
ऊर्जा | 155 कैलरी |
प्रोटीन | 7.8 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 19 ग्राम |
फाइबर | 2.6 ग्राम |
वसा | 5.4 ग्राम |
कोलेस्ट्रॉल | 0 मिलीग्राम |
सोडियम | 8.6 मिलीग्राम |