विस्तृत फोटो के साथ दाल बाटी चूरमा रेसिपी | राजस्थानी दाल बाटी चूरमा | असली दाल बाटी चूरमा
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हमने दरदरे गेहूं के आटे का उपयोग किया है क्योंकि यह एक दानेदार बनावट और एक पौष्टिक स्वाद देता है।
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बाटी के लिए आटा सख्त होना चाहिए वरना बाटी फर्म नहीं बनेगी।
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दाल बाटी चूरमा की इस रेसिपी में हमने कम घी का इस्तेमाल किया है, लेकिन परंपरागत रूप से घी दाल बाटी चूरमा रेसिपी में एक महत्वपूर्ण घटक है। कई घरों में फ्राई करने के बाद उन्हें घी में डुबो कर रखा जाता है और फिर परोसा जाता है।
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चूरमा को साइड में खाया जाता है या आप चाहें तो इसे दाल बाटी के ऊपर छिड़क कर खा सकते हैं।
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परंपरागत रूप से बाटी को कोयले पर रखकर पकाया जाता है। यहाँ हमने उन्हें डीप-फ्राइड किया है। वैकल्पिक रूप से आप उन्हें ओवन या तंदूर में भी बेक कर सकते हैं।
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भिन्नता के लिए, बेक्ड मसाला बाटी की हमारी विधि देखें। यह बाटी को स्वादिष्ट बनाने के लिए हरे मटर की स्टफिंग से स्टफ्ट कीया है।
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यह रेसिपी दाल, बाटी और चूरमा ३ से १ का कॉम्बो है। तो पहले चूरमा से शुरुआत करते हैं।
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दाल बाटी चूरमा के लिए चूरमा बनाने के लिए | राजस्थानी दाल बाटी चूरमा | असली दाल बाटी चूरमा | dal baati churma recipe in hindi | एक गहरे कटोरे या परात / थाल में, गेहूं का आटा लें।
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चूरमा की दानेदार बनावट पाने के लिए सूजी डालें। यदि जाडा गेहूँ का उपयोग करते हैं तो रवा जोड़ना छोड़ें।
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पिघला हुआ घी डालें।
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१/२ कप पानी डालें। आप पानी की जगह दूध का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आटे को बांधने के जितना ही पर्याप्त पानी का उपयोग करें।
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सभी सामग्री को मिलाएं और एक सख्त आटा गूंधें। हमे आटे को ब्रेड के आटा की तरह गूंधने की ज़रूरत नहीं है। आप सिर्फ आटे को एक साथ बाँधते हैं और पकौड़ी बनाते हैं जैसे हम टार्ट बनाते हैं।
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आटे को ८ बराबर भागों में विभाजित करें।
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प्रत्येक भाग को अपनी मुट्ठी का आकार दें। आटे का हिस्सा ऐसा होना चाहिए कि अगर आप उन्हें तलने के लिए तो वे टूट न जाऐ।
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डिप्रेशन बनाने के लिए प्रत्येक भाग के केंद्र में अपनी उंगलियों से दबाएं।
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एक गहरी नॉन-स्टिक कढ़ाई में घी गरम करें और ४ आटे के भागों को तल लें। एक अच्छा स्वाद पाने के लिए, हमने तलने के लिए घी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन आप तेल का उपयोग भी कर सकते हैं।
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मध्यम आंच पर २० मिनट या तब तक भूनें जब तक वे चारों ओर से सुनहरे भूरे रंग के न हो जाएं। घी मध्यम गरम होना चाहिए ताकि गेहूं की पकौड़ी अंदर से ठीक से पक जाए। यदि आप पहली बार बना रहें हैं और यह नहीं समझपाते हैं कि आटे का भाग अच्छी तरह से तला हुआ है या नहीं, तो एक तले हुए हिस्से को आधा तोड़ें और यदि आप ध्यान दें कि वह अंदर से नरम और भूरा नहीं है, तो आप आटा के बाकी हिस्सों को लंबी अवधि के लिए तल लें।
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तेल सोखने वाले काहज़ पर निकाल लें और ठंडा करने के लिए रख दें।
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चरण ९ से ११ को दोहराते हुए और ४ आटे के गोले को तल लें।आपको तलते समय धैर्य रखना होगा, वे अंदर से कच्चे नहीं रहने चाहीए।
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ठंडा होने पर अपने हाथों से छोटे टुकड़ों में तोड़ लें।
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उन्हें मिक्सर जार में डालें।
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एक बारीक पाउडर होने तक पीस लें। इस स्मूद मिश्रण को "चूरमा" कहा जाता है।
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चूरमा को एक गहरे कटोरे में निकालें और एक तरफ रख दें।
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बादाम के कतरन डालें। अन्य सूखे पदार्थ जैसे अखरोट, पिस्ता, किशमिश भी मिलाया जा सकता हैं।
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चूरमा का स्वाद बढ़ाने के लिए इलायची पाउडर डालें।
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पीसी हुई शक्कर डालें। आप जो मिठास पसंद करते हैं, उसके अनुसार कम या ज्यादा शक्कर मिलाएं।
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अच्छी तरह मिलाएं। एक तरफ रख दें। आप एक दिन पहले चूरमा बनाकर फ्रिज में रख सकते हैं।
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दाल बाटी चूरमा रेसिपी के लिए दाल बनाने के लिए | राजस्थानी दाल बाटी चूरमा | असली दाल बाटी चूरमा | dal baati churma recipe in hindi | दाल को साफ करें और धो लें।
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एक प्रेशर कुकर में दाल डालें।
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४ कप पानी और नमक डालें।
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अच्छी तरह से मिलाएं और ३ सीटी के लिए या टेंडर होने तक प्रेशर कुक करें, लेकिन अगर आपकी दाल अभी भी पकी नहीं है, तो ढक्कन को बंद कर दें और फिर से १ से २ सीटी के लिए प्रेशर कुक करें। ढक्कन खोलने से पहले भाप को निकलने दें।
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इसे एक बार हिला लें। पानी की निकासी न करें और एक तरफ रखें।
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दाल बाटी चूरमा के लिए दाल को तड़का लगाने के लिए, एक गहरे नॉन-स्टिक कढ़ाई में घी गरम करें।
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जब घी गरम हो जाए, तो उसमें लौंग डालें।
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तेज़पत्ता डालें।
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ज़ीरा डालें।
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हरी मिर्च डालें।
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हींग डालें और मध्यम आंच पर कुछ सेकेंड के लिए भून लें।
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जब बीज चटक जाए तो लहसुन का पेस्ट डालें।
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प्याज़ डालें।
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मध्यम आंच पर २ से ३ मिनट के लिए या प्याज के पारदर्शी होने तक भून लें।
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टमाटर डालें। लाल पके हुए टमाटर का उपयोग करें।
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धनिया पाउडर डालें।
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हल्दी पाउडर डालें।
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मिर्च पाउडर डालें। मसाले के स्तर के अनुसार कम या ज्यादा जोड़ें।
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गरम मसाला डालें।
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अच्छी तरह से मिलाएं और मध्यम आंच पर बीच-बीच में हिलाते हुए २ मिनट के लिए पकाएं।
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पकी हुई दाल (पानी के साथ) डालें।
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थोड़ा नमक डालें।
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अच्छी तरह से मिलाएं और मध्यम आंच पर बीच-बीच में हिलाते हुए २ से ३ मिनट के लिए पकाएं।
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धनिया डालें।
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अच्छी तरह मिलाएं। एक तरफ रख दें।
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राजस्थानी बाटी तैयार करने के लिए, एक गहरे कटोरे में गेहूं का आटा लें।
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सूजी डालें।
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बेसन डालें।
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दूध डालें।
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घी डालें। इस में घी जोड़ने को 'मोयन' कहा जाता है। यह बाटी को क्रम्ब्ली और खस्ता बनाने में मदद करता है।
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राजस्थानी बाटी का स्वाद बढ़ाने के लिए सौंफ और अजवायन डालें।
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स्वादानुसार नमक डालें।
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बिना पानी के प्रयोग किये हल्का सख्त आटा गूंथ लें।
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गोल चपटा करें।
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अपने अंगूठे का उपयोग करके बाटियों के केंद्र में एक छोटा सा इंडेंटेशन बनाएं। आप एक 'X' या '+' साइन इंडेंटेशन भी बना सकते हैं, ताकी यह अंदर से भी अच्छी तरह से पकाया जाता है। एक तरफ रख दें।
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एक गहरे नॉन-स्टिक कढ़ाई में पर्याप्त पानी उबालें और ध्यान से सभी बाटी को उबलते पानी में डालें।
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तेज़ आंच पर १५ मिनट तक पका लें और बीच-बीच में घुमाते रहें।
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छान लें और उन्हें पूरी तरह से ठंडा करने रख दें।
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एक गहरे नॉन-स्टिक कढाई में घी गरम करें और एक बार में ४ बाटी डालें।
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सभी तरफ से सुनहरा भूरे रंग में बदल जाने तक तल लें।
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तेल सोखने वाले कागज़ पर बाटी को निकालकर एक तरफ रख दें।
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चरण १४ से १६ दोहराएं और शेष ४ बाटियों को एक और बैच में तल लें। पारंपारीक बाटी को बनाने के लिए, जले हुए स्मोकी स्वाद को देने के लिए गोइठा या चारकोल पर भुना जाता है। एक समान बनावट देने के लिए आप सभी बाटी को बेकिंग शीट पर रख सकते हैं और उन्हें घी से ब्रश कर सकते हैं। १८ से २० मिनट के लिए या नीचे की सतह पर हल्का सुनहरा भूरा होने तक 200'C पर बेक करें। फिर ओवन से बाहर निकालें, सभी बाटी को पलटें और दूसरी तरफ से १५ से १८ मिनट तक फिर से बेक करें। वैकल्पिक रूप से, आप बाटी को गैस तंदूर में भी बेक कर सकते हैं।
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हमारा चूरमा, दाल और बाटी अब असेम्बल करने के लिए तैयार हैं।
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दाल को फिर से पूरा गरम करें। एक सर्विंग डिश पर २ बाटी रखें।
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अपने हाथों से उन्हें टुकड़ों में तोड़ दें।
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इसके ऊपर समान रूप से १ टेबल-स्पून पिघला हुआ घी डालें।
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इसके ऊपर समान रूप से १/४ भाग दाल डालें।
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२ टेबल-स्पून प्याज छिड़कें।
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और अंत में उस पर समान रूप से १/२ टी-स्पून नींबू का रस डालें।
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३ और सर्विंग बनाने के लिए दोहराएं।
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चूरमा के साथ तुरंत परोसें।
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अन्य लोकप्रिय राजस्थानी फूड कॉम्बो के बारे में जाने जैसे चना दाल और गुड़ चावल और राबड़ी विद बाजरा रोटी।
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प्र. क्या मैं एक दो दिन के लिए फ्रिज में दाल बाटी स्टोर कर सकता हूं? आप बाटी और चूरमा को ३ से ४ दिनों के लिए स्टोर कर सकते हैं। लेकिन हर बार दाल को नए सिरे से बनाना पड़ता है।
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प्र. क्या मैं दरदरा गेहूं का आटा के बजाय नियमित गेहूं के आटे का उपयोग कर सकता हूं? हम बाटी और चूरमा का प्रामाणिक स्वाद प्राप्त करने के लिए दरदरा गेहूं के आटे का उपयोग करने का सुझाव देंगे।