विस्तृत फोटो के साथ दाल बंजारा रेसिपी | राजस्थानी दाल बंजारा | पौष्टिक दाल बनजारा |
-
दाल बनजारा रेसिपी बनाने के लिए | राजस्थानी दाल बंजारा | पौष्टिक दाल बंजारा | dal banjara recipe in hindi | सबसे पहले चिल्केवाली उड़द की दाल और चना दाल को अच्छे से साफ करें उसमे पत्थर और टूटे हुए टुकड़े नही होने चाहीये। फिर बेहते पानी के निचे या कटोरे में जब तक पानी साफ न हो जाए तब तक धोएं।
-
एक छलनी का उपयोग करके दाल को छान लें।
-
चिल्केवाली उड़द दाल और चना दाल को प्रेशर कुकर में डालें।
-
हल्दी पाउडर और नमक डालें।
-
३ कप पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
-
४ सीटी आने तक या दाल के पकने तक प्रेशर कुक करें। ढक्कन खोलने से पहले भाप को निकल दें। दाल को एक बार हिलाए और एक तरफ रख दें।
-
दाल बंजारा बनाने के लिए एक गहरे नॉन-स्टिक पैन में घी गरम करें। घी एक मज़ेदार सुगंध और स्वादिष्ट स्वाद प्रदान करता है, हालांकि, आप तड़के को तैयार करने के लिए वनस्पति तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।
-
घी गरम होने के बाद प्याज़ डालें।
-
लौंग डालें।
-
दालचीनी डालें।
-
लाल मिर्च डालें।
-
अच्छी तरह मिलाएं और मध्यम आंच पर २ मिनट के लिए या साबुत मसाले की महक आने तक भूनें।
-
अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें।
-
हरी मिर्च डालें। आप तीखेपन की मात्रा कम ज्याद आप संभाल सकते हैं, उसके अनुसार कर सकते हैं।
-
मिर्च पाउडर डालें। हालांकि यह दाल लाल मिर्च, हरी मिर्च और लाल मिर्च पाउडर के साथ मसालेदार होती है, उड़द की दाल सभी मसालों को सोख लेती है, जिससे यह दाल रेसिपी हल्की मसालेदार बन जाती है।
-
अच्छी तरह से मिलाएं और मध्यम आंच पर १ मिनट के लिए भूनें।
-
पकी हुई दाल डालें।
-
नमक डालें। दाल को पकाते समय भी नमक मिलाया गया है, तो नमक डालते समय सतर्क रहें।
-
राजस्थानी दाल बंजारी को खट्टा स्वाद देने के लिए नींबू का रस डालें।
-
२ कप पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। आप दाल के गाढ़ापन के अनुसार पानी कम या ज्यादा डाल सकते हैं।
-
बीच-बीच में हिलाते हुए मध्यम आंच पर ८ से १० मिनट तक पकाएं। आमतौर पर, इस बंजारा दाल को परोसने से पहले लंबे समय तक उबाला जाता है ताकि यह गाढ़ा हो जाए। हमारी मारवाड़ी दाल बंजारी तैयार है। इसे अक्सर चावल के बजाय रोटी के साथ खाया जाता है।
-
दाल बंजारा में धनिया डालें |
-
दाल बंजारा को तुरंत परोसें | राजस्थानी दाल बंजारा | पौष्टिक दाल बंजारा | dal banjara recipe in hindi। उड़द दाल और चना दाल में ठड़े होने बाद अधिक गाढ़ा होने की प्रवृत्ति होती है, तो अगर थोडी देर बाद में परोसने वाले है, तो गरम पानी मिलाएं और उसका गाढ़ापन को समायोजित करें।